गुलाबबाग मंडी : डिजिटल लेनदेन नही, इसलिए लूटे जाते हैं व्यवसायी..
गुलाबबाग मंडी में डिजिटल इंडिया का प्रतिदिन मजाक उड़ाया जा रहा है। उत्तर बिहार की सबसे बड़ी अनाज मंडी के रूप में मशहूर कृषि उत्पादन बाजार समिति में प्रतिदिन एक सौ करोड़ से अधिक रुपए का नकदी कारोबार...
गुलाबबाग मंडी में डिजिटल इंडिया का प्रतिदिन मजाक उड़ाया जा रहा है। उत्तर बिहार की सबसे बड़ी अनाज मंडी के रूप में मशहूर कृषि उत्पादन बाजार समिति में प्रतिदिन एक सौ करोड़ से अधिक रुपए का नकदी कारोबार होता है। भारत सरकार का इनकम टैक्स, सेल्सटैक्स विभाग के कर्मचारियों के द्वारा किए गए तमाम प्रयासों के बावजूद भी यहां पर नकदी में ही लेनदेन काम होता है। डिजिटल ट्रांजेक्शन का काम नहीं के बराबर हो रहा है। हालांकि इस मामले को लेकर सभी अधिकारी अपना पल्ला यह कहकर झाड़ लेते हैं कि यह काम उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। नकदी लेनदेन का ही नतीजा है कि आए दिन व्यवसायी अपराधियों के हाथों लूटे जा रहे हैं। व्यापारी को मानसिक परेशानी तो होती ही है बाद में आर्थिक परेशानियों से भी गुजरना पड़ता है। यदि कोई व्यापारी नगदी लेकर खरीदारी नहीं करने आते हैं तो उन्हें स्थानीय गल्ला मंडी के व्यापारियों का कोप भाजन का शिकार होना पड़ता है। कई तरह के नियम भी आड़े आ जाते हैं। इसके अलावा उनके साख पर भी सवाल खड़ा कर देते हैं। सदर एसडीओ डॉ. बिनोद कुमार ने कहा कि मंडी में व्यवसाय किस रूप में हो रहा है। इसकी देखरेख के लिए सेल्स टैक्स और इनकम टैक्स विभाग बना हुआ है। उनका काम सिर्फ मंडी की विधि व्यवस्था का संधारण करना है।
डिजिटल ट्रांजेक्शन की बात पर भड़क उठते हैं व्यापारी
गुलाबबाग मंडी के तीन से चार बड़े व्यापारी के पास जब एक लाख रुपए के सामान के लिए चेक लेकर एक युवक पहुंचा तो व्यापारी भड़क उठे। गल्ला व्यापारी के द्वारा कहा गया कि वह उनका चेक तब ही स्वीकार करेंगे, जब उनके पास जीएसटी नम्बर हो इसके अलावा जब उनका चेक बैंक से क्लियर होगा इसके बाद ही उन्हें सामान दिया जाएगा। काफी आरजू मिन्नत के बाद दूसरा व्यापारी दो लाख का सामान नकदी में देने को तैयार हुआ। लेकिन उनकी पहली शर्त थी कि वह बिल कच्चा देगा इसके अलावा तीन जगहों से सामान उठाना पड़ेगा और तीनों जगहों पर ही उन्हें भुगतान भी करना होगा।
जान हथेली पर लेकर आते हैं खरीदारी करने
मधुबनी बाजार के रहने वाले शांतनु मल्लिक ने बताया कि उनके घर मे पांच नवंबर को शादी है। उन्हें सात लाख रुपए खरीदारी करनी है लेकिन व्यापारी नकदी ही मांग रहे हैं। चेक की बात कहने पर भड़क जाते हैं और डिजिटल लेनदेन की बात पर कहते हैं कि 40 हजार तक का ही वह सामान डिजिटल लेनदेन के माध्यम से दे सकता है। ऐसे में आम लोगों को जिनके घर में शादी, श्राद्ध, जन्मदिन समेत कई अन्य तरह के कार्यक्रम हैं सामान की खरीदारी करने आते हैं। इसपर अपराधियों का खतरा बना रहता है।
एक साल में 50 से अधिक व्यापारी व किसान छिनतई के शिकार
गुलाबबाग मंडी के मुख्य गेट के समीप एवं अन्य जगहों पर 50 से अधिक व्यपारियों के साथ नकदी की छिनतई , झपट्टामार एवं डिक्की से रुपए के गायब होने की घटना हुई है। ऐसे मामलों में पुलिस के द्वारा तफ्तीश भी अधूरा ही रह जाता है कि उनके पास इस तरह के अपराधियों का कोई रिकॉर्ड नही रहता है। व्यापारी भी पुलिसिया लफड़ा से बचने के लिए मामला दर्ज करवाने से परहेज करते हैं।
बड़ी राशि की सूचना सबंधित थाना को दें
कोई व्यापारी यदि बड़ी राशि लेकर चलते हैं तो वह इसकी सूचना सबंधित थाना की पुलिस को दें। पुलिस उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाएगी। इसके अलावा व्यापारियों को भी डिजिटल लेनदेन के माध्यम व्यापार करना चाहिए ताकि पारदर्शिता के साथ सुरक्षा भी बनी रहेगी।
विशाल शर्मा, एसपी पूर्णिया
किसानों के कारण होती है नकदी में लेन-देन
मंडी में हाल के दिनों में डिजिटल ट्रांजेक्शन में काफी इजाफा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र से खरीदारी और अनाज बेचने के लिए आए अधिकांश किसान नकद ही मांगते और नकदी में ही खरीदारी करते हैं। किसान और व्यवसायी के बीच अक्सर लेनदेन बैंकिंग चार्ज को लेकर भी होती है।
रूपेश डूंगरवाल, महासचिव व्यवसायी महासंघ गुलाबबाग