बाढ़ को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, 103 टीमें गठित
-18 चलन्त टीम, 42 स्थायी और 43 अस्थायी टीमें पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में प्रत्येक वर्ष कई इलाकों में बाढ़ की समस्या कमोबेश उत्पन्न हो जा

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में प्रत्येक वर्ष कई इलाकों में बाढ़ की समस्या कमोबेश उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में निचले इलाकों में पानी लगने की समस्या रहती है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ से पूर्व अपनी तैयारी कर ली है। खासकर जिले के पूर्वी भाग क्षेत्र स्थित अमौर, बैसा, बायसी और डगरुआ का क्षेत्र में बाढ़ का खतरा रहता है। इनके अलावा जिले के पश्चिमी क्षेत्र के कई ऐसे भी भाग हैं जहां पानी लगने का खतरा रहता है। यह समस्या कहीं ज्यादा तो कहीं कम होती है। ऐसी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन और राज्य निर्देश के आलोक में अपनी तैयारी शुरु कर दिया गया है।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने टीमों का गठन कर लिया है। विभागीय दिशा निर्देश में गठित टीम में आवश्यकता के अनुकूल बदलाव करते हुए टीम को बढ़ाया भी जा सकता है। कुल 103 टीमें गठित की गयी है। इनमें चलन्त टीम 18, स्थायी 42 और अस्थायी 43 शामिल है। प्रखंड अनुरूप बायसी में 8, कसबा 4, बनमनखी में 6, के.नगर में 3, श्रीनगर में 7 , बैसा में 11, अमौर में 11, जलालगढ़ में 12, धमदाहा में 8 , बीकोठी में 3, भवानीपुर में 3, रूपौली में 13, पूर्णिया पूर्व में 7 , डगरुआ में 7 टीम गठित की गई है। -बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर जल जनित रोग की परेशानी: -बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की स्थिति में जलजनित रोग से परेशानी बढ़ने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। संक्रामक रोग बढ़ने लगती है। पीने का पानी की परेशानी होने लगती है। चर्म रोग की दिक्कत होने लगती है। जीव जन्तु काटने की परेशानी सामने आने लगती है। बाढ़ लगे क्षेत्र में प्रसव धात्री को दिक्कतों का सामना करने की स्थिति सामने आने लगती है। ऐसे में जल जनित रोग को ध्यान में रखते हुए सभी तरह की सुविधा जरूरी हो जाती है। ऐसे में चिकित्सा संबंधी कार्य महत्वपूर्ण हो जाता है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए चिकित्सा दल का गठन कर लिया गया है। इनसे जुड़े सुविधाओं में एम्बुलेंस की सुविधा पर भी जोर दिया जा रहा है। बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के बाद क्षेत्र के लोगों के आने जाने के क्रम में कई स्वास्थ्य की परेशानी सामने आने लगती है। इनमें सर्दी, खांसी, बुखार, सर दर्द, बदन दर्द, डायरिया, उल्टी, चक्कर, चर्म रोग की परेशानी के अलावा स्वास्थ्य की कई दिक्कतें सामने आने लगती है। ऐसे में जरूरी दवाओं की सुविधाओं में पारा सिटामोल, एंटिबायोटिक, हेलोजन टैबलेट, ब्लीचिंग पाउडर, एंटीरेबिज में सर्प दंश की दवा आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए प्रखंड स्वास्थ्य क्षेत्र के अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। -बोले सिविल सर्जन : -सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि अभी बाढ़ की स्थिति जिले में कहीं भी नहीं है लेकिन बाढ़ पूर्व तैयारी रखना भी जरूरी है ताकि किसी भी तरह की स्थिति उत्पन्न होती है तो तुरंत संबंधित क्षेत्र में उत्पन्न समस्याओं से निपटा जा सके। उन्होंने बताया की बाढ़ की स्थिति सामने आने पर ज्यादातर लोगों में स्वास्थ्य की समस्या खड़ी होने लगती है। इसे ध्यान में रखते हुए टीमों का गठन से लेकर दवा की उपलब्धता तक सुनिश्चित कर जिले के प्रखंड क्षेत्र का आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं।
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