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बायोटेक किसान हब परियोजना के तहत किसान होंगे समृद्ध.

किसानों को समृद्ध और आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए बायोटेक किसान हब परियोजना के तहत मखाना को भी शामिल किया गया। इस परियोजना को बिहार कृषि विश्व विद्यालय सबौर, कृषि विज्ञान केंद्र और भोला पासवान...

बायोटेक किसान हब परियोजना के तहत किसान होंगे समृद्ध.
हिन्दुस्तान टीम,पूर्णियाWed, 10 Jun 2020 01:45 AM
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किसानों को समृद्ध और आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए बायोटेक किसान हब परियोजना के तहत मखाना को भी शामिल किया गया। इस परियोजना को बिहार कृषि विश्व विद्यालय सबौर, कृषि विज्ञान केंद्र और भोला पासवान शास्त्री कृषि कॉलेज की देखरेख में चलाया जा रहा है। इस परियोजना का एकमात्र मकसद है कि किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान की जाए।

बायोटेक किसान हब परियोजना के तहत जिले के 50 किसानों को चयनित कर केवीके की तरफ ट्रेनिंग दिया गया। उसके बाद हर किसान से एक-एक एकड़ में मखाना की खेती करवाई गई है। खेती के माखाना सबौर वन का बीज और नीम आधारित खाद केवीके की तरफ से मुफ्त दिया गया है। किसानों को खेत पर किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए केवीके के कृषि वैज्ञानिक समय-समय पर खेत पर जाकर किसानों को समस्या और उसके समाधान के प्रति जागरूक करते हैं। इस काम के लिए दो यंग प्रोफेशनल पप्पू कुमार और साधना कुमारी को भी रखा गया है। जो खेती में जाकर किसानों की समस्या को सुनते हैं और उनको उचित सलाह देते हैं। जलालगढ़ के किसान चांद चौहान, सबदलपुर के किसान मो. आफताब आलम और कसबा के किसान योगेंद्र मंडल कहते हैं कि ट्रेनिंग लेने से पहले थोड़ा डर रहे थे। पता नहीं क्या होगा, सफल होंगे या नहीं। लेकिन अब फसल को देख कर लग रहा है कि सब कुछ अच्छा होगा। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों ने हमारा समय समय पर मार्गदर्शन किया। बीज खाद सब उपलब्ध करवाया।

कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह कहते हैं कि बायोटेक किसान हब परियोजना का मकसद है किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना। मखाना की खेती से किसान मालामाल हो सकते हैं। केवीके की तरफ इनको न सिर्फ ट्रेनिंग दी गई है बल्कि इनको फुल पैकेज सपोर्ट भी दिया जा रहा है। समय-समय पर मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है।

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