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एनीमियामुक्त भारत कार्यक्रम के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की हुई बैठक

पूर्णिया। हिन्दुस्तान संवाददाता जिले के बच्चों को एनीमियामुक्त बनाने में स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण...

एनीमियामुक्त भारत कार्यक्रम के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की हुई बैठक
हिन्दुस्तान टीम,पूर्णियाSat, 31 Jul 2021 11:21 PM
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पूर्णिया। हिन्दुस्तान संवाददाता

जिले के बच्चों को एनीमियामुक्त बनाने में स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विद्यालय में 05 वर्ष से 19 वर्ष तक के विद्यार्थियों की उपस्थिति होती है, जिसमें बहुत बच्चों की एनीमिया से ग्रसित होने की संभावना होती है। देश को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए विद्यालय में शिक्षा ले रहे सभी बच्चों को एनीमियामुक्त गोलियां दी जाती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से कोविड-19 संक्रमण के कारण सभी विद्यालयों को बंद रखा गया है। ऐसे में विद्यालय के छात्रों को एनीमिया मुक्त गोली के मिलने में कठिनाई होती थी। इसको देखते हुए अब स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग द्वारा सभी बच्चों को मध्याह्न भोजन के दाल-चावल के साथ एनीमिया मुक्ति के लिए गोलियां भी वितरण की जाएगी। इसको लेकर जिला अधिकारी राहुल कुमार द्वारा जिले के शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश जारी किया गया है।

इस सम्बंध में विचार-विमर्श के लिए जिला स्कूल के सभागार में जिला शिक्षा पदाधिकारी की अध्यक्षता में शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग की बैठक आयोजित की गई, जिसमें उक्त कार्य के निष्पादन पर चर्चा की गई। बैठक में जिले शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू राम, डीसीएम स्वास्थ्य संजय दिनकर, यूनिसेफ से देवाशीष घोष के साथ सभी प्रखंड शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण सभी विद्यालय पिछले बहुत समय से बन्द है। ऐसे में बच्चों में एनीमिया मुक्त गोलियों के वितरण में कमी आई है। इस कमी को दूर करने के लिए अब मध्याह्न भोजन के साथ साथ बच्चों के लिए एनीमिया मुक्त गोलियां भी दी जाएगी। सभी विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन के लिए महीने भर के दाल-चावल के साथ ही महीने भर तक के लिए आयरन युक्त गुलाबी व नीली गोलियां दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। बैठक में यूनिसेफ प्रतिनिधि देवाशीष घोष ने बताया कि पूर्णिया जिले में 68 प्रतिशत बच्चे जो पांच साल से कम उम्र के हैं और 69 प्रतिशत किशोर-किशोरियां जिसकी उम्र 5 साल से 21 साल तक की है, वह एनीमिया से ग्रसित हैं। कोरोना संक्रमण से पूर्व बच्चों को विद्यालय के माध्यम से एनीमिया मुक्ति के लिए हर बुधवार को एनीमिया मुक्त गोली दी जाती थी लेकिन विद्यालय के बन्द होने पर गोलियों का वितरण भी बन्द हो गया था। पोषण अभियान के तहत हर साल 3 प्रतिशत एनीमिया में कमी लाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी द्वारा विद्यालय के माध्यम से फिर से बच्चों को एनीमिया मुक्त गोलियां देने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि विद्यालय द्वारा 05-09 वर्ष के बच्चों को गुलाबी गोली जबकि 10-19 वर्ष के बच्चों को नीली गोलियां दी जाएगी।

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