किसानों के बीच मौसम अनुकूल कृषि कार्य का किया प्रदर्शन.
कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ के वैज्ञानिकों द्वारा मौसम अनुकूल कृषि परियोजना के तहत किसानों के बीच विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन किया जा रहा है। ताकि आने वाले समय में किसान का जीवन खुशहाल बना रहे तथा...
कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ के वैज्ञानिकों द्वारा मौसम अनुकूल कृषि परियोजना के तहत किसानों के बीच विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन किया जा रहा है। ताकि आने वाले समय में किसान का जीवन खुशहाल बना रहे तथा वे उन्नत खेती की ओर अग्रसर हो सके। इसे लेकर किसानों के साथ गोष्ठी भी की गई। कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ सीमा कुमारी ने किसानों को बताया कि कसबा प्रखंड के 5 गांव दोगछी, कुल्लाखास, कुल्ला सुंदर, बसंतपुर, ढोलबज्जा में बदलते जलवायु के अनुसार किसानों द्वारा तकनीक अपनायी जाए तो मृदा को स्वास्थ्य रखा जा सकेगा। खेती में शून्य तकनीक से जुताई करने से अधिक से अधिक होती है। इस तकनीक से गेहूं, मसूर, चना की खेती में फायदा होगा और जुताई का खर्च बचेगा। किसान समय पर जुताई कर सकेंगे तथा उत्पादन अच्छा होगा। रेड वेड बुआई से पानी का जमाव फसलों में नहीं होता है तथा नमी भी बनी रहती है। इन सभी फसलों का प्रदर्शन किसानों के बीच किया जा रहा है। वरीय वैज्ञानिक ने बताया वॉरलॉक इंस्टचयूट ऑफ साउथ एशिया संयुक्त रुप से परियोजना पर काम कर रही है। यह परियोजना का कार्य 630 एकड़ में किया जा रहा है। डॉक्टर नीलमणि प्रकाश, साउथ एशिया (वीसा) वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉक्टर सीमा कुमारी, वैज्ञानिक डॉ गोविंद के द्वारा क्षेत्र का निरीक्षण किया गया। इसमें विक्रम विश्वास का सहयोग सराहनीय बताया गया।