बहु आपदा प्रवण जिला पूर्णिया : बाढ़ ही नहीं सिस्मिक जोन फोर में भी शामिल
-फोटो : पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। महिला कॉलेज में यूनिसेफ पटना बिहार इंटर एजेंसी एवं जीपीएसभीएस के सहयोग तथा आपदा प्रबंधन पूर्णिया के मार्गदर्

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। महिला कॉलेज में यूनिसेफ पटना बिहार इंटर एजेंसी एवं जीपीएसभीएस के सहयोग तथा आपदा प्रबंधन पूर्णिया के मार्गदर्शन में एनसीसी एवं एनएसएस के स्वयंसेवकों को जलवायु संवेदी आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन विषय पर उन्मुखीकरण किया गया I जिला सलाहकार कमल कामत ने पूर्णिया जिला के आपदा प्रोफाइल को साझा करते हुऐ बताये कि पूर्णिया बहु आपदा प्रवण जिला है। जिला में प्राकृतिक एवं मानवीय आपदा के कारण समुदाय को जान माल की काफी क्षति उठानी पड़ती है। जिला में आये दिन बाढ़, डूबने की घटना, सड़क दुर्घटना एवं आगलगी की घटना घटती रहती हैं। जिला में बेहतर आपदा संस्कृति विकसित करने के लिए आपदा के विषय पर सभी को चिंतन करने की आवश्यकता है। स्वयंसेवकों एवं युवाओं के सहयोग के बिना आपदा जोखिम न्यूनीकरण संभव नहीं हैं I सतत विकास के लक्ष्य 2015-30 में भी युवाओं एवं स्वयंसेवकों की भूमिका सुनिश्चित की गई है I अभी के बदलते परिवेश में सभी युवाओं को आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं जलवायु परिवर्तन कार्यों के लिए आगे आना होगा I पिछले कई बड़े आपदा में देखा गया है कि किसी भी आपदा के दौरान उस परिवारों या समुदाय का युवा ही पहला व्यक्ति होता हैं जो उसका प्रत्युत्तर देता है। पूर्णिया जिला में बेहतर आपदा सुरक्षा वातावरण निर्माण के लिए मुझे आज से ही बहु आपदा पूर्व तैयारी में जुट जाना है I राज्य आपदा मोचन बल एवं जिला अग्निशामक ने बताया कि जिला केवल बाढ़ ही नहीं भूकंप के सिस्मिक जोन 4 में आता है। बाढ़, वज्रपात, लू, सुखाड़, शीतलहर ,ओलावृष्टि ,आंधी तूफान, सड़क दुर्घटना, नाव दुर्घटना, सर्प दंश,अगलगी एवं डूबने की घटना होती रहती हैं I जिला में महानन्दा,कनकई,पनार,परमान,दास, कोशी, कारी कोशी, फरियानी, सौरा, कुशहा नदियाँ के अलावे और कई बेनामी नदियाँ बहती हैं जो बरसात के दिनों में काफी विकराल हो जाती हैं I इसीलिए इस जिला को नदियों का नैहर भी माना जाता हैं। बाढ़ को ध्यान में रखकर पूर्व तैयारी,बाढ़ के दौरान की तैयारी एवं बाढ़ के बाद की तैयारी आवश्यक हैI आपदा पूर्व तैयारी एवं त्वरित रिस्पांस के लिये सभी स्थानीय विभाग से समन्वयन एवं नियमित संचार एवं अभिकरण करने की आवश्यकता है l वज्रपात से बचाव के लिए मोबाइल में इंद्रवज्र एप्प्स डाउनलोड करें तथा सूचना प्राप्त होने पर मंदिर एवं मस्जिद से लोगों को सूचित करें l सर्पदंश से सुरक्षा हेतु जहरीले एवं विषहीन साँपों के पहचान एवं डूबने से सुरक्षा इत्यादि जीवन रक्षक कौशल विषय पर मॉकड्रिल के माध्यम से जानकारी दी गयीI प्रशिक्षण में आपदा मित्र प्रमोद कुमार एवं भावना कुमारी ने भूकंप, डूबने से बचाव एवं घायलों के प्राथमिक उपचार को मॉकड्रील के माध्यम से जानकारी दिए। कार्यक्रम में एनसीसी एनएसएस के कुल 60 से अधिक बच्चों ने भाग लिया।
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