मृतक की विधवा को ब्रह्मशक्ति पूर्णिया ने दी मदद.
कोरटबाड़ी में रहने वाले ब्रजेश राम की विधवा अनोखी देवी की दर्द भरी दास्तां सुन ब्रह्मशक्ति पूर्णिया ने विधवा को हर संभव मदद करने का वचन दिया है। ब्रह्मशक्ति पूर्णिया के सदस्यों ने भानू प्रसाद पांडेय...
कोरटबाड़ी में रहने वाले ब्रजेश राम की विधवा अनोखी देवी की दर्द भरी दास्तां सुन ब्रह्मशक्ति पूर्णिया ने विधवा को हर संभव मदद करने का वचन दिया है। ब्रह्मशक्ति पूर्णिया के सदस्यों ने भानू प्रसाद पांडेय की अगुवाई में अनोखी देवी और मृतक के बड़े भाई विकास राम के परिवार की सुधि ली। मौके पर ब्रह्मशक्ति ने एक बोरा चावल, दाल, आटा व आलू समेत अन्य खाद्यान्न मृतक ब्रजेश राम की विधवा को दिया। इस क्रम में और भी सहायता देने की वचनबद्धता ब्रह्मशक्ति पूर्णिया ने प्रकट की। इसके अलावा ब्रह्मशक्ति पूर्णिया ने रामनगर में रहने वाले हिमांशु झा की भी शनिवार को मदद की।
दरअसल रुपौली थाना के डोभा ग्राम निवासी तीस वर्षीय ब्रजेश राम की मृत्यु करीब एक सप्ताह पहले 24 मार्च को इलाज के दरम्यान हो गई थी। लीवर में इंफेक्शन होने और गरीबी के साथ लॉक डाउन के कारण उचित इलाज नहीं करा पाने के चलते उसकी मौत हो गयी। बड़े नाबालिग दस वर्षीय पुत्र ने पिता को मुखाग्नि दी। मृतक ब्रजेश राम को एक और 8 वर्षीय पुत्र है। पिता की मौत के बाद विकास और उसके दो बच्चों की जिम्मेवारी ब्रजेश राम के बड़े भाई विकास राम के कंधे पर आ गयी है। पेशे से रिक्सा चालक विकास राम की भी रिक्सा की कमाई लॉक डाउन के चलते बंद है। नतीजन अर्थाभाव में ब्रजेश की अंतिम संस्कार की रश्म पूरा करने के लिए दर दर हाथ पसारने को विकास राम बेबस हो गये थे। स्थिति यह हो गयी थी कि पेट भरने के लिए भी पूरा परिवार को दूसरे की दया का मोहताज रहना पड़ा। विकास राम की विधवा की खबर मिलने के उपरांत ब्रह्मशक्ति पूर्णिया विधवा को सहायता पहुंचाने की ठानी और मदद के लिए उसके घर पहुंचे। बहरहाल ब्रह्मशक्ति पूर्णिया से सहायता मिलने के उपरांत अनोखी देवी और मृतक ब्रजेश राम के बड़े भाई विकास राम को कुछ राहत मिली है। मदद से लॉक डाउन के दरम्यान पूरे परिवार को भूखे पेट नहीं सोना पड़ेगा, इस बात को लेकर परिवार के बच्चों की भी फिक्र कर हुई है। वहीं ब्रह्मशक्ति पूर्णिया के भानू प्रसाद पांडेय, पिंटू कुमार मिश्रा और राजेश कुमार झा ने हिन्दुस्तान अखबार को इसके लिए धन्यवाद का पात्र बताया है और कहा कि हिनदुस्तान लॉक डाउन में गरीब व असाहय परिवारों का दर्द प्रकाशित कर राहत व सहायता जरुरतमंदों के बीच पहुंचाने के लिए हर किसी को प्रेरित कर रहा है। अखबार से मिली प्रेरणा के आधार पर ही सहरसा ननोती निवासी हिमांशु झा, जो फिलहाल राम नगर में रहते हैं, उनकी मदद ब्रह्मशक्ति पूर्णिया द्वारा की गयी। हिमांशु झा के पिताजी लकवा ग्रस्त है और हिमांशु खुद अभी बेरोजगार हैं। जबकि हिमांशु की पत्नी गर्भ से है। लॉक डाउन में इस परिवार को भोजन सामग्री के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ रही थी, संगठन के सदस्य कन्हैया और निखिल ने ब्रह्मशक्ति पूर्णिया को इसकी सूचना दी। सूचना पर संज्ञान लेते हुए ब्रह्मशक्ति पूर्णिया ने उनके घर पर भोजन सामग्री, बच्चे का दूध और बिस्किट मुहैया कराया।