Bihar Teachers Denied Inter-District Transfers Despite Passing Competency Exams अंतरजिला स्थानांतरण में सक्षमता परीक्षा पास विशिष्ट शिक्षकों की अनदेखी, Purnia Hindi News - Hindustan
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अंतरजिला स्थानांतरण में सक्षमता परीक्षा पास विशिष्ट शिक्षकों की अनदेखी

पूर्णिया में 17,000 से अधिक शिक्षक और हजारों सक्षम शिक्षक अंतरजिला स्थानांतरण से वंचित हैं। कांग्रेस नेता इन्तेखाब आलम ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आश्वासन के बावजूद शिक्षकों को उनके...

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाThu, 25 Sep 2025 04:07 AM
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अंतरजिला स्थानांतरण में सक्षमता परीक्षा पास विशिष्ट शिक्षकों की अनदेखी

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। बिहार के 17 हजार से अधिक शिक्षक एवं हजारों सक्षमता परीक्षा पास विशिष्ट शिक्षक आज भी अंतरजिला स्थानांतरण से वंचित हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य इन्तेखाब आलम ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग की नीतियों में बार बार बदलाव और मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में दिए गए आश्वासनों को रद्द कर देने से शिक्षकों के साथ बड़ा अन्याय हुआ है। शिक्षकों ने कठिन परीक्षा पास कर गृह जिला आवंटित पाया था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अचानक वह नियम रद्द कर दिया गया। इससे शिक्षक समाज में गहरी नाराजगी और असमंजस की स्थिति पैदा हुई।उन्होंने बताया कि 23 सितंबर 2025 को जारी अंतरजिला स्थानांतरण सूची में हजारों योग्य शिक्षकों का नाम शामिल नहीं किया गया।

कई शिक्षकों को मोबाइल पर सामान्य संदेश भेजकर यह सूचना दी गई कि उनका स्थानांतरण नहीं हुआ। इससे शिक्षकों के बीच भारी निराशा और गुस्सा व्याप्त है। कांग्रेस नेता ने हालिया प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब शिक्षा विभाग ने पुनः आवेदन का निर्देश दिया तो पहले से चुने गए तीन जिलों का विकल्प लॉक कर दिया गया। अब पास के जिलों का विकल्प दिख ही नहीं रहा है और केवल 200 से 400 किलोमीटर दूर जिलों का विकल्प उपलब्ध है। इतने दूर जिलों में भेजना शिक्षकों के साथ मज़ाक है। घर का अकेला बेटा, बीमार मां बाप की सेवा करने वाला शिक्षक कैसे इतनी दूरी पर जाकर काम करेगा। इन्तेखाब आलम ने यह भी याद दिलाया कि उसके बाद बहुत बार स्थानांतरण का नियम बदला जैसे नॉर्मल स्थानांतरण, म्यूचुअल स्थानांतरण और अंतरजिला स्थानांतरण, लेकिन तब भी विशिष्ट शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं किया गया। यह क्रमबद्ध अनदेखी शिक्षकों के आत्मसम्मान और जीवन दोनों पर कुठाराघात है।उन्होंने सरकार पर दोहरे रवैये का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जहां मात्र डेढ़-दो साल पहले नियुक्त हुए टीआरई शिक्षकों को प्रोबेशन पीरियड में ही तुरंत स्थानांतरण का लाभ दे दिया गया, वहीं वर्षों से सेवा कर रहे और सक्षमता परीक्षा पास करने वाले विशिष्ट शिक्षकों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि शिक्षकों की पीड़ा को समझना सरकार की जिम्मेदारी है। सक्षमता परीक्षा पास विशिष्ट शिक्षकों को उनके पहले जिला विकल्प के आधार पर स्थानांतरण का लाभ दिया जाए। यदि सरकार शिक्षकों की जायज मांगों की अनदेखी करती रही तो यह न केवल अन्याय होगा बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करेगा।

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