RJD के धरना पर गरमाई सियासत , BJP से JDU तक हलचल; क्या बोले गिरिराज, संजय, उमेश, मंगल
धरना प्रदर्श के माध्यम से राज जद ने जहां केंद्र और बिहार सरकार को लपेटा तो एनडीए के घटक दलों ने इसे दिखावा करार दिया। बीजेपी और जेडीयू के बड़े नेताओं का बयान सामने आया है। कहा गया है कि राजद का यह धरना मात्र एक पॉलिटिकल कार्यक्रम है।
बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण सीमा को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने समेत अन्य मुद्दों पर राजद ने रविवार को राज्य भर में धरना प्रदर्शन किया। पटने में तेजस्वी यादव ने इसकी कमान थामी। लालू यादव के निर्देश पर सभी जिला मुख्यालयों पर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। इस पर राजनीति चरम पर है। राजद ने जहां केंद्र और बिहार सरकार को लपेटा तो एनडीए के घटक दलों ने इसे दिखावा करार दिया। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि जनता ने तेजस्वी के धरना को नकार दिया तो नरेंद्र मोदी के मंत्री गिरिराज सिंह ने आरजेडी पर गरीबों को ठगने का आरोप लगाया। नीतीश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा, बीजेपी सांसद भीम सिंह, हम के चीफ जीतनराम मांझी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने रविवार को कहा है कि राजद के एकदिवसीय धरना को प्रदेश की जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है। ज्यादातर जिलों में राजद के अपने कार्यकर्ताओं ने भी धरना-प्रदर्शन से दूरी बनाए रखा और कार्यक्रम स्थलों पर कुर्सियां खाली रहीं। यह साबित करता है कि राजद आम जनता के साथ-साथ अपने लोगों का भी विश्वास खो चुका है।
उन्होंने कहा कि 15 वर्षों तक जब बिहार में राजद का शासन था तो लालू परिवार ने कभी बिहार के दलितों, पिछड़ों व वंचितों की चिंता नहीं की। आज वही लोग प्रदेश की जनता को बरगलाने के लिए जातीय गणना और आरक्षण पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। राजद के इस दोहरे चरित्र को जनता बखूबी जानती और समझती है। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय गणना कराकर पूरे देश में नजीर कायम किया।
वहीं केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में जाति गणना के मुद्दे पर तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है। रविवार को पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में जाति जनगणना कराई। भाजपा की सरकार में ही मंडल कमीशन लागू हुआ। लेकिन, ये लोग कांग्रेस पार्टी के साथ हैं, जिन्होंने मंडल कमीशन आयोग को रद्द किया। उन्होंने कहा कि लालू यादव और तेजस्वी यादव उसी कांग्रेस के साथ हैं और गरीबों को मूर्ख बनाना जानते हैं। वे यादवों का वोट लेते हैं और उनके विरोध में काम करते हैं। गिरिराज सिंह ने अपनी त्रिशूल वाली तस्वीर पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि त्रिशूल की रक्षा हम करेंगे और हमारी रक्षा त्रिशूल करता है। इसलिए ये फोटो लगाया है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि आरक्षण के मसले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राजद घड़ियाली आंसू बहा रहा है। राजद का आरक्षण लालू परिवार तक ही सीमित रहा है। आरोप लगाया कि लालू प्रसाद को पत्नी, बेटा व बेटी के अलावा कभी किसी दलित, पिछड़े, अतिपिछड़े की याद नहीं आई। वह राजद आज आरक्षण के नाम पर दलितों, पिछड़ों व अतिपिछड़ों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। रविवार को जारी बयान में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजद और कांग्रेस हमेशा अतिपिछड़ों का अपमान करते और धोखा देते रहे हैं। कांग्रेस ने अतिपिछड़ों के लिए गठित काका कालेलकर और मुंगेरीलाल कमीशन की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। कांग्रेस ने 1953 में पिछड़े वर्गों के लिए गठित काका कालेलकर कमेटी की 1955 में आई रिपोर्ट को 45 वर्षों तक ठंडे बस्ते में रखा। न पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया न पिछड़ों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया। जनता पार्टी की उस सरकार ने 1978 में मंडल कमीशन का गठन किया, जिसमें भाजपा के अटल, आडवाणी भी शामिल थे। 1980 में पिछड़े वर्गों को सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए आई मंडल कमीशन की रिपोर्ट को कांग्रेस ने 10 वर्षों तक दबा कर रखा। अन्तत भाजपा के सहयोग से गठित बीपी सिंह की सरकार ने 1989 में आरक्षण का प्रावधान किया। मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने के बाद पिछड़े वर्ग को केवल सरकारी नौकरियां ही नहीं बल्कि विभिन्न शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण के जरिए नामांकन का मौका मिला।
भाजपा सांसद डॉ. भीम सिंह ने पटना समेत अन्य जिलों में राजद की ओर से दिए गए धरना-प्रदर्शन को सियासी ड्रामा बताया है। रविवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि आरक्षण और क्रीमीलेयर के नाम पर राजद के लोग जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं, लेकिन जनता अब उसके झांसे में नहीं आने वाली है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रहते देश में आरक्षण को कोई खत्म नहीं कर सकता। प्रधानमंत्री खुद कई बार कह चुके हैं। इतना ही नहीं, केंद्र की मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के उस मंतव्य को भी ठुकरा चुकी है, जिसमें एससी/एसटी आरक्षण कोटे में क्रीमीलेयर का प्रावधान करने की बात कही गई थी।
जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने कहा है कि विभिन्न दलों के कई नेता हमारी पार्टी के संपर्क में हैं। वे सभी जदयू में शामिल होना चाहते हैं। वे सभी लोग देख रहे हैं कि वर्ष 2025 विधानसभा चुनाव में एनडीए बड़े अंतर से सरकार बनाने जा रहा है। आने वाले समय में यह दिखाई पड़ेगा। संजय झा रविवार को जदयू प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे। वहीं, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव ने मनीष वर्मा ने कहा कि जो भी नेता समाजवाद पर विश्वास करते हैं और परिवारवाद का विरोध करते हैं, उनसभी को आमंत्रण है कि वो हमारी पार्टी में आएं। मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय गणना करवाकर रिपोर्ट सार्वजनिक की है। उन्होंने इस आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़ाया है, उसे लागू कराने को लेकर हमलोग उच्चतम न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे हैं।
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने भी राजद के धरने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज दलितों के हितैषी बनते हैं। जब तेजस्वी के माता पिता सरकार में थे तो क्या किया। तेजस्वी यादव को उन बातों का भी जिक्र करना चाहिए।
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