बिहार के पैक्स कर्मियों की बल्ले-बल्ले! जल्द वेतनमान देगी नीतीश सरकार, इस बात का है इंतजार
कमेटी की अनुशंसा के बाद प्रबंधकों और कर्मियों का मानदेय तय किया जाएगा। हाल के दिनों में पैक्सों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं। धान खरीद के अलावा पेट्रोल पंप, जन औषधि केन्द्र, सीएससी, राशन, खाद-बीज की दुकान का संचालन पैक्स कर रहे हैं। इसमें प्रबंधकों की अहम भूमिका होती है।
बिहार राज्य के 8463 पैक्सों में कर्मियों और प्रबंधकों का वेतनमान तय करने के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी को जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है। हालांकि, डेढ़ माह बीतने के बाद भी अभी तक कमेटी की रिपोर्ट विभाग को नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार की ओर से इन्हें वेतमान देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। फिलहाल पैक्स के लाभांश से उन्हें मानदेय दिया जाता है।
कमेटी की अनुशंसा के बाद प्रबंधकों और कर्मियों का मानदेय तय किया जाएगा। हाल के दिनों में पैक्सों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं। धान खरीद के अलावा पेट्रोल पंप, जन औषधि केन्द्र, सीएससी, राशन, खाद-बीज की दुकान का संचालन पैक्स कर रहे हैं। इसमें प्रबंधकों की अहम भूमिका होती है। पैक्सों में खाता के रखरखाव के लिए अकाउंट कर्मी और कंप्यूटर चलाने के लिए डाटा इंट्री ऑपरेटर भी रखे जा रहे हैं। इन कर्मियों का वेतनमान एक समान नहीं होने से परेशानी हो रही है।
इसे देखते हुए वेतनमान तय करने पर विचार चल रहा है। पैक्स कर्मी संघ बहुत दिनों से इसकी मांग कर रहा है। इस संबंध में विधानसभा में भी प्रश्न उठ चुका है। इसके बाद सहकारिता विभाग ने अपर निबंधक की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। कमेटी से पंद्रह दिनों में रिपोर्ट मांगी गई थी। हालांकि, डेढ़ माह बीतने के बाद भी अभी तक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई है।
प्रबंधकों को अभी लाभांश से मिलता है मानदेय
पैक्स प्रबंधकों और कर्मियों को मानदेय अभी लाभांश से मिलता है। चूंकि ज्यादातर पैक्स या तो कम लाभांश पर चलते हैं या फिर घाटे में रहते हैं। ऐसे में वहां के कर्मियों को समान मानदेय नहीं मिल पाता है। कर्मियों के मानेदय के संबंध में नियमावली पहले बन चुकी है। कमेटी उसका भी अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगी।
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