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पुनपुन में खतरे के निशान से उपर चढ़ा पानी

करपी प्रखंड के किंजर की पुनपुन नदी में खतरे के निशान से उपर पानी बह रहा है। नदी का सामान्य जलस्तर 65 सेंटीमीटर होना चाहिए। लेकिन, मंगलवार को नदी में पानी की उंचाई खतरे के निशान से 156 सेंटीमीटर अधिक...

पुनपुन में खतरे के निशान से उपर चढ़ा पानी
हिन्दुस्तान टीम,पटनाWed, 09 Aug 2017 12:23 AM
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करपी प्रखंड के किंजर की पुनपुन नदी में खतरे के निशान से उपर पानी बह रहा है। नदी का सामान्य जलस्तर 65 सेंटीमीटर होना चाहिए। लेकिन, मंगलवार को नदी में पानी की उंचाई खतरे के निशान से 156 सेंटीमीटर अधिक चढ़ गया। इसकी पुष्टि किंजर में स्थित केंद्रीय जल आयोग के कार्यालय ने की है। पुनपुन नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। सोमवार को नदी में पानी की उंचाई खतरे के निशान से 145 सेंटीमीटर अधिक बह रहा था। कार्यालय के कर्मियों ने आयोग के उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज यह जानकारी दी थी कि नदी में प्रति घंटा दो सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग की सूचना पर अरवल जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। हालांकि प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की सारी तैयारी कर ली है। लेकिन, पानी का दबाव ज्यादा बढ़ा, तो खतरे की आशंका प्रबल हो जाएगी, जो प्रशासन के लिए चिंतनीय साबित हो सकती है। बाढ़ की आशंका को लेकर आसपास के ग्रामीण काफी चिंतित दिख रहे हैं। नदी का पानी रास्ते में फैल जाने से इब्राहिमपुर, कमरिया, डकरा, हेलासपुर, बदोपुर, महयिा, कनइया चक, रूपापुर, हेलहा, बाला बिगहा, दहिया आदि गांवों का मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। खेतों में नदी का पानी जमा हो गया है। इससे फसल को नुकसान होने की आशंका जतायी जा रही है। अगर पानी ज्यादा दिनों तक जमा रहा, तो बीमारी फैलने की संभावना प्रबल हो जाएगी। घरों में रखी खाद्य सामग्री व अन्य आवश्यक चीजें खत्म हो जाने पर ग्रामीणों की परेशानी बढ़ सकती है। डीएम आलोक रंजन घोष के निर्देश पर पहुंचे एसडीओ यशपाल मीणा, डीपीआरओ सतेन्द्र कुमार, बीडीओ अखिलेश्वर कुमार, सीओ जगदीश पासवान ने पुनपुन नदी घाट व पुल का मुआयना किया। अधिकारियों की टीम इब्राहिमपुर पुल पर जाकर जलस्तर का जायजा लिया। एसडीओ ने बताया कि ग्रामीण तैराक को लाइफ जैकेट, ट्यूब आदि सामग्री उपलब्ध कराई है। किंजर पुल पर चौकीदारों की एक माह के लिए ड्यूटी लगाई गई है। नदी की ओर जाने या उसमें स्नान करने पर रोक लगा दी गई है। एसडीओ ने स्पष्ट कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के जिस निजी स्कूल के छात्र नदी की ओर देखे जाएंगे, उस स्कूल का निबंधन रद्द करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकारी स्कूल के छात्रों को नदी की ओर देखे जाने पर प्रधानाध्यापक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। जिला प्रशासन ने ग्रामीणों से सतर्कता बरतने की अपील की है। साथ ही बच्चों पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। बाढ़ के पानी के दबाव से प्रखंड के सिजौला गांव के पास बलदइया नदी का तटबंध टूट गया। इससे कई गांवों के खेतों में लगी धान की फसल डूब गई। जहांगीरपुर डायवर्सन में पुनपुन नदी व नेहालपुर डायवर्सन में बलदइया नदी का पानी घुस गया है। इस कारण डायवर्सन के रास्ते वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। चालक अपने वाहनों को बल्लोपुर, अबगिला, सोहरइया मालीचक होते हुए किंजर की ओर जा रहे हैं। उधर, रघुनीचक, मौलानाचक, महुआ बिगहा, मुस्तीचक, हड़पुर, रीता बिगहा, इंद्र बिगहा, भंवर बिगहा गांवों के खेत में भी बलदइया नदी का पानी फैल गया है। किसानों रामजतन सिंह, कन्हैया प्रसाद, केवल राम, रामप्रसाद शर्मा ने बताया कि उक्त गांवों के सैकड़ों एकड़ भूमि में किसान धान की फसल की रोपनी किए थे। लेकिन, बाढ़ का पानी खेतों तक पहुंच जाने से फसल के बर्बाद होने की आशंका बढ़ गई है। खेती से ही उनका घर-परिवार चलता है। लेकिन, फसल के डूब जाने से उनकी चिंता बढ़ने लगी है। अगर पानी का दबाव बढ़ा, तो उन्हें सुरक्षित जगह की तलाश करनी पड़ेगी।

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