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हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करें : मंत्री

शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने दैनिक जीवन में हिन्दी के अधिक से अधिक प्रयोग करने की आवश्यकता जतायी। उन्होंने कहा कि हिन्दी का जितना विकास होना चाहिए था, उसमें कुछ कमी है। अंग्रेजीयत के प्रति हमारा...

हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करें : मंत्री
हिन्दुस्तान टीम,पटनाThu, 14 Sep 2017 06:19 PM
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शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने दैनिक जीवन में हिन्दी के अधिक से अधिक प्रयोग करने की आवश्यकता जतायी। उन्होंने कहा कि हिन्दी का जितना विकास होना चाहिए था, उसमें कुछ कमी है। अंग्रेजीयत के प्रति हमारा रुझान ज्यादा है। हिन्दी के बिना राष्ट्र का विकास नहीं हो सकता। श्री वर्मा गुरुवार को फणीश्वरनाथ रेणु हिन्दी भवन सभागार में मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) के तत्वावधान में आयोजित हिन्दी दिवस सह कवि सम्मेलन के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कहा कि 1949 से ही हिन्दी राजभाषा है। इसके विकास के लिए राज्य सरकार प्रयत्नशील है। इसके लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। हिन्दी के साथ ही सभी क्षेत्रीय भाषाओं का विकास जुड़ा है। हिन्दुस्तान की मिली-जुली संस्कृति इस बात की इजाजत नहीं देती कि एक भाषा का विकास हो और दूसरे का अनादर हो। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी प्रगति समिति के अध्यक्ष कवि सत्यनारायण ने की। उन्होंने कहा कि हिन्दी के साथ ही दूसरी भाषाओं के साथ भी सद्भाव रखनी होगी। मां के दूध के बाद जीवन को संजीवनी भाषा से ही मिलती है। उर्दू परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष शफी मशहदी ने कहा कि भाषा हिन्दी हो या उर्दू उसे बोझिल न बनाएं। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के विशेष सचिव डॉ. उपेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि हिन्दी पूरे विश्व में प्रतिष्ठित हो चुकी है। प्रो. डॉ. कलानाथ मिश्र ने कहा कि हिन्दी तो राष्ट्रभाषा बन चुकी है, बस मुहर लगना बाकी है। हिन्दी के प्राध्यापक डॉ. शिवनारायण, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के निदेशक इम्तियाज अहमद करीमी, बांकीपुर बालिका उच्च विद्यालय की प्राचार्य विद्या कुमारी ने भी विचार रखे। संचालन डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने किया। सूचना जनसंपर्क विभाग के कलाकारों एवं बांकीपुर उच्च विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किए।

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