ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार पटनादेश में लोकप्रिय होना है तो हिन्दी बोलिए, इससे सुंदर कोई और भाषा नहीं

देश में लोकप्रिय होना है तो हिन्दी बोलिए, इससे सुंदर कोई और भाषा नहीं

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हम दुनियाभर की चाहे जितनी भाषा सीख लें पर राजभाषा हिन्दी और मातृभाषा पीछे छूट जाएगी तो हमारा भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। हमारी भाषा दुनिया की सबसे सुंदर...

देश में लोकप्रिय होना है तो हिन्दी बोलिए, इससे सुंदर कोई और भाषा नहीं
हिन्दुस्तान टीम,पटनाSat, 10 Mar 2018 08:07 PM
ऐप पर पढ़ें

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हम दुनियाभर की चाहे जितनी भाषा सीख लें पर राजभाषा हिन्दी और मातृभाषा पीछे छूट जाएगी तो हमारा भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। हमारी भाषा दुनिया की सबसे सुंदर भाषा है। हम सब भारतवासी मिलकर अपनी हिन्दी और मातृभाषा को आगे बढ़ाएं। मातृभाषा को पीछे छोड़कर हम विकास नहीं कर सकते।

शनिवार को श्री रिजिजू ने ज्ञान भवन में केन्द्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित पूर्व एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भाषा में बहुत ताकत होती है। अपनी मातृभाषा और राजभाषा हिन्दी, दोनों को साथ लेकर आगे चलना चाहिए। आपको यदि देशभर में लोकप्रिय होना है तो हिन्दी बोलिए। मैं तो अरुणाचल प्रदेश का हूं। अरुणाचल में अच्छा समय गुजारना है तो हिन्दी बोलना होगा। अंग्रेजी बोलेंगे तो लोग नाराज हो जाएंगे। पहली बार सांसद बना तो अच्छी हिन्दी बोलने के कारण दो-तीन माह में ही मैं लोकप्रिय हो गया।

श्री रिजिजू ने कहा कि अप्रवासी भारतीयों में अपनी भाषा के प्रति उत्सुकता है लेकिन हम अपने परिवार में ही मातृभाषा को छोड़ रहे हैं। छोटे-छोटे देशों के लोग भी अपनी भाषा में संबोधन करते हैं, लेकिन भारतीयों का विदेश में जाने पर अपनी भाषा के प्रति ऐसा आग्रह नहीं दिखना चिंतनीय है। गृह राज्यमंत्री ने कहा कि भाषा किसी देश की आत्मा होती है। हिन्दी भाषा ने आजादी की लड़ाई में देश को एकजुट किया। इसलिए हिन्दी के साथ ही क्षेत्रीय बोलियों का संवर्द्धन भी जरूरी है। उन्होंने हिन्दी भाषा के संवर्द्धन में बिहार की भूमिका की तारीफ की तथा कहा कि काश सभी राज्यों का हाल बिहार जैसा होता।

बिहार के मंत्रिमंडल विभाग के सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने राज्य में राजभाषा के संवर्द्धन के लिए किए गए कार्यों की जानकारी दी। कहा कि पांडुलिपियों के प्रकाशन के लिए 15 लाख, अनुसूचित जाति-जनजाति के बच्चों में हिन्दी के विकास के लिए 30 लाख, 15 साहित्यकारों को हर साल 19.5 लाख के पुरस्कार दिए जा रहे हैं। 29 दिवंगत साहित्यकारों की जयंती-पुण्यतिथि मनाई जा रही है।

मौके पर किरेन रिजिजू ने बेहतर काम करने के लिए विभिन्न प्रतिष्ठानों, कार्यालयों, बैंकों के प्रतिनिधियों को सम्मानित भी किया। समारोह को केन्द्रीय राजभाषा विभाग के सचिव प्रभाष कुमार झा, संयुक्त सचिव डॉ. विपिन बिहार सिंह ने भी संबोधित किया। मंच पर अंजना बरुआ, नीलम प्रकाश टोपनो व एसएन सहाय भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें