पटना आनेवाली ट्रेनें सिग्नल क्लियर होने के इंतजार में घंटों एक स्टेशन पर नहीं रुकी रहेंगी। जैसे-जैसे आगे की ट्रेन आगे बढ़ती जाएगी, पीछे खड़ी ट्रेनें भी चलनी शुरू हो जाएंगी। एक साथ पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें एक-दूसरे के पीछे मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर चल सकेंगी।
यह सब ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली से संभव होगा। दानापुर मंडल के बिहटा से लेकर फतुहा तक की लाइन को ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली से लैस किया जाएगा। रेलवे दानापुर मंडल के अभियंताओं ने इसके निर्माण से संबंधित तैयारी शुरू कर दी है।
जून से इसका निर्माण कार्य शुरू होगा। लगभग 75 करोड़ की लागत से इस सिग्नल प्रणाली का काम इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।
अभी क्या है स्थिति
बिहटा से फतुहा के बीच अप और डाउनमें लगभग 180 ट्रेनें पटना से गुजरती हैं। वर्तमान सिग्नल प्रणाली में एक ट्रेन तबतक पीछे की स्टेशन पर रुकी रहती है, जबतक अगली ट्रेन आगे के स्टेशन को पार न कर जाए। ऐसे में लंबी दूरी की कई ट्रेनों तथा पैसेंजर ट्रेनों को भी बिहटा के बाद पटना पहुंचने में घंटों लग जाता है। सिग्नल नहीं मिलने के कारण इन्हें अलग-अलग स्टेशनों पर रुकना पड़ता है। यही हाल फतुहा की ओर से आनेवाली ट्रेनों का होता है।