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नृत्य कला मंदिर में गूंजी संगीत की स्वर लहरियां

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नृत्य कला मंदिर में गूंजी संगीत की स्वर लहरियां
हिन्दुस्तान टीम,पटनाMon, 25 Oct 2021 06:20 PM
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साहित्यिक आयोजन

पटना। वरीय संवाददाता

भारतीय नृत्य कला मंदिर का प्रांगण गीत संगीत की सुमधुर स्वर लहरी से गूंजित हो उठा। साहित्यिक संस्था "आयाम-साहित्य का स्त्री स्वर" की ओर से आयोजित किरणोत्सव के दूसरे दिन एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इसके तहत गीत गायन वादन और नृत्य की मनोरम छवि निखरी।

प्रसिद्ध रंगकर्मी और गायक संजय उपाध्याय ने निराला की कविता का सुमधुर पाठ किया। इन्होंने मनोरंजन प्रसाद की कविता फिरंगिया और रघुवीर नारायण की कविता का सस्वर पाठ किया। इसके साथ हीरा डोम कविता पाठ ने समूचे हाल में सुई की नोक की आवाज की स्थिति उत्पन्न हो गई। रंगकर्मी शारदा सिंह ने नाट्य गीत "विदेशिया" में संजय उपाध्याय के साथ स्वर में स्वर मिलाया तो संगीत नई ऊंचाई पर जा बैठा। सुधी स्रोताओं ने लोक गायिका नीतू नवगीत के लोक गीतों की दाद दी तो उन्होंने झंकृत होकर बेहतरीन प्रस्तुति से माहौल को मस्ती में भीगो दिया। सोहर की प्रस्तुति में ऐसा लगा मानो किसी के आंगन में बच्चा की किलकारी गूंज रही हो। लोकप्रिय नृत्यांगना सुदीपा बोस की भरतनाट्यम की बेजोड़ प्रस्तुति ने चार चांद लगा डाला। संचालन की बागडोर प्रसिद्ध रंगकर्मी मोना झा ने संभाला। आयाम से जुड़ी रानी सुमिता ने बताया कि राजधानी के जाने माने साहित्यकारों, साहित्य और संस्कृति प्रेमियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। बता दें कि साहित्यकार उषा किरण खान के जन्मदिवस के मौके पर दो दिवसीय किरणोत्सव में पहले दिन साहित्य पर गंभीर चर्चा हुई थी।

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