मजदूरों के लिए देश के 24 शहरों में खुलेंगे सुविधा केंद्र
प्रवासी बिहारी मजदूरों की हर समस्या का समाधान और बिहार सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए देश के 24 शहरों में सुविधा केंद्र बनेगा। पायलट परियोजना के तौर पर गया से इसकी शुरुआत हुई। केंद्र शुरू करने...

प्रवासी बिहारी मजदूरों की हर समस्या का समाधान और बिहार सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए देश के 24 शहरों में सुविधा केंद्र बनेगा। पायलट परियोजना के तौर पर गया से इसकी शुरुआत हुई। केंद्र शुरू करने को लेकर श्रम संसाधन विभाग और गैर सरकारी संगठन एक्शन एड के साथ मंगलवार को करार हुआ।
करार के मौके पर श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में पहली बार प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए ऐसे केंद्रों की शुरुआत की जा रही है। जहां से मजदूर जाते हैं वहां और जिन शहरों में पहुंचते हैं, वहां केंद्र खोले जाएंगे। सरकार की कोशिश है कि श्रमिकों को बेहतर सुविधाएं मिले। साथ ही उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ और उनकी समस्याओं का निवारण हो। करार करने वाले संगठन को कहा कि वह मासिक रिपोर्ट सरकार को दे कि इन केंद्रों के खुलने से क्या लाभ हुआ। तीन महीने पर सरकार के स्तर पर इसकी समीक्षा होगी।
प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि इसमें राज्य सरकार का कोई वित्तीय दायित्व नहीं है। इन केंद्रों पर प्रवासी श्रमिकों का निबंधन, पंचायत स्तरीय सर्वे, विधिक सहायता, प्रवासी श्रमिकों के परिवार की सहायता, श्रमिकों की गणना, मोबाइल हेल्थ क्लीनिक, निर्माण स्थलों पर पालना गृह और शिकायतों का निबटारा होगा। सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों व अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों से अवगत कराया जाएगा। मौके पर श्रमायुक्त गोपाल मीणा, संयुक्त श्रमायुक्त सुजीत कुमार, एक्शन एड के संजीव चाचरा, सौरभ कुमार आदि मौजूद थे।
इन शहरों में खुलेगा केंद्र : जयपुर, उदयपुर, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, मैसूर, बेंगलुरु, रायपुर, चेन्नई, मदुरै, हैदराबाद, विशाखापत्तनम, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, गुवाहाटी, दिल्ली, लखनऊ व अंबाला।
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