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शिक्षक फर्ज निभाएं, सरकार को उनकी चिंता : नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के शिक्षक अपना फर्ज निभाएं। सरकार उनकी चिंता करती रही है और आगे भी करेगी। कहा कि शिक्षक का मूल काम बच्चों को पढ़ाना है। बच्चों की पढ़ाई बाधित करना गैरकानूनी...

शिक्षक फर्ज निभाएं, सरकार को उनकी चिंता : नीतीश
हिन्दुस्तान टीम,पटनाWed, 26 Feb 2020 08:50 PM
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के शिक्षक अपना फर्ज निभाएं। सरकार उनकी चिंता करती रही है और आगे भी करेगी। कहा कि शिक्षक का मूल काम बच्चों को पढ़ाना है। बच्चों की पढ़ाई बाधित करना गैरकानूनी है। हम कभी शिक्षकों के खिलाफ नहीं थे। हम विरोधी होते तो उनकी बहाली ही क्यों करते।

बुधवार को विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार की ओर से जवाब देते वक्त मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शिक्षकों को चार हजार से 30 हजार तक पहुंचाया है। आगे और भी बढ़ाएंगे पर हड़ताल करना गलत है।मुख्यमंत्री ने शिक्षक हड़ताल के मुद्दे पर खुलकर सरकार का पक्ष रखा। कहा कि हमने तो पंचायतों और निकायों को संविधान सम्मत उनका अधिकार दिया। उन्होंने बहाली की। हम तो ग्रांट दे रहे हैं। कहा कि पहले शिक्षा मित्रों को सिर्फ 16-17 सौ रुपए मिलते थे। हमने चार-साढ़े चार हजार पर अनुबंध कर बहाली की। फिर इसे बढ़ाकर 28-30 हजार तक ले गए। सरकार के पास बजट उपलब्धता की भी सीमा है। ऐसा नहीं हो सकता कि बाकी सारी योजनाएं रोककर सारा पैसा केवल शिक्षकों को दे दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग वोट के लिए बेवजह मुद्दे को तूल दे रहे हैं। लेकिन ऐसे लोगों को भी वोट का ज्यादा फायदा नहीं हो पाएगा, क्योंकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट कर दिया है कि सरकार ने कुछ भी नियम विरुद्ध नहीं किया।मुख्यमंत्री ने साफ किया कि हम शिक्षकों से सहानुभूति रखते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि परीक्षा और मूल्यांकन के वक्त वे हड़ताल करें। कहा कि हमें सब पता है कि कोर्ट में किस-किस वकील को ले गए थे। पैसा नहीं था तो यह सब कैसे हो पाता। मगर हम इस सबमें पड़ना नहीं चाहते। उन्होंने बच्चों के भविष्य के लिए शिक्षकों से सहयोग की अपील की।

शिक्षकों को अयोग्य बताने वाले आज दे रहे नसीहत

मुख्यमंत्री ने सदन में एक किताब लहराते हुए कहा कि 24 नवंबर 2008 को हमारी सरकार के तीन साल पूरे होने पर राजद ने यह पुस्तक बंटवाई थी। इसमें लिखा था कि राज्य सरकार ने अयोग्य शिक्षकों की भर्ती करके शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है। कहा कि शिक्षकों को अयोग्य बताकर शिक्षा व्यवस्था चौपट करने का आरोप लगाने वाले आज शिक्षकों के हितैषी बन रहे हैं। सरकार को नसीहत दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार सरकार द्वारा किए जा रहे काम गिनाए। सरकार के जवाब के बाद सभी संशोधन प्रस्ताव बहुमत के अभाव में अस्वीकृत हो गए।

राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित हो गया।राजद ने किया बहिष्कारराजद की ओर से नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी की ओर से राज्यपाल के अभिभाषण पर 83 बिंदुओं पर संशोधन प्रस्ताव रखा गया। इसके अलावा केदार पांडेय, कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने भी संशोधन प्रस्ताव रखा। जब मुख्यमंत्री सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे, तभी राजद सदस्य बहिष्कार का एलान करते हुए सदन से बाहर चले गए। जाते वक्त राजद के रामचंद्र पूर्वे बोले हम कुछ बातों पर प्रकाश डालना चाहते थे, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं। इससे पूर्व वाद-विवाद के दौरान राजद के सुबोध कुमार और सत्तापक्ष के रणवीर नंदन व अन्य सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।सीएम की चुटकी, बोले हम सूर्य के उपासकराजद के बहिष्कार पर मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रकाश पैदा करने का काम सूर्य का है और हम सूर्य के उपासक हैं। राबड़ी की ओर इशारा किया कि वह बैठे-बैठे थक गई हैं इसलिए उन्हें घर जाना है।

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