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..और बबुआन लोगों ने नाम रख दिया भिखारिया- VIDEO

भोजपुरी के सेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी संस्कारों के साथ ऐसा पिरोया कि अभिव्यक्ति की एक धारा भिखारी शैली जानी जाने लगी। वे एक लोककलाकार ही नहीं थे। वे तो उन सारे कुरितियों पर...

..और बबुआन लोगों ने नाम रख दिया भिखारिया- VIDEO
पटना। हिन्दुस्तान प्रतिनिधिFri, 28 Jun 2019 11:44 PM
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भोजपुरी के सेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी संस्कारों के साथ ऐसा पिरोया कि अभिव्यक्ति की एक धारा भिखारी शैली जानी जाने लगी। वे एक लोककलाकार ही नहीं थे। वे तो उन सारे कुरितियों पर प्रहार थे जो कई स्तरों पर थी। यह उस महान व्यक्ति की कहानी है जिसके जीवन पर बनी नाटक का मंचन बिहार आर्ट थियेटर के 58वें स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कालिदास रंगालय में हुआ। 

मधुकर सिंह लिखित और राजेश राजा निदेर्शित इस नाटक का मंचन विश्व रंगमंच के कलाकारों ने किया। नाटक ने अपने हरेक संवाद में जहां खूब तालियां बटोरीं। वहीं, मंच पर संगीत में लोकल कलाकारों के पुट ने नाटक के भावों में जान डाल दी। सधे हुए अभिनय और निर्देशन का लोगों ने नाटक ने लोगों का खूब लुत्फ उठाया। भिखारी ठाकुर का जन्म दलसिंगर ठाकुर के घर होता है।उनकी माता का नाम शिवकली देवी है। इन्होंने अपने बेटे का नाम बहुत प्यार से मंजिउरवी ठाकुर रखा था। लेकिन बबुआन लोगों का कहना था कि ये नाम बहुत ही टेढ़ा है, इसलिए उनको भिखरिया बुलाया जाने लगा। भिखारी ठाकुर का मन पढ़ाई में बिल्कुल नहीं लगता था और ना ही उनका मन हजामत करने में लगता था। लेकिन मां-बाप के कहने पर उन्हें ये काम करना पड़ता था क्योंकि इसके सिवा उनके पास कोई चारा न था। 

एक बार एक बबुआन हरखू सिंह के यहां दाढ़ी बनाने गए और हरखू सिंह के बेइज्जत करने पर भिखारी ठाकुर ने कसम खायी कि अब से कभी हमाम का काम नहीं करेगें और वह अपने बेटे शिलानाथ और पत्नी मंतुरना को छोड़ कर कोलकाता चल जाते हैँ। वहां उन्होंने कई नाटक जात्रा, रामायण देखा और उससे बहुत प्रभावित हुए। वे वापस कुतुबपुर आये और अपना एक नाच पार्टी बनाया और उसका नाम रखा विदेशिया। उन्होंने अपने जीवन काल में कुल 29 नाटक लिखे। जिसमें बिदेसिया, बेटी बेचवा, गबरघिचोर। नाटक में भिखारी ठाकुर के बचपन के जीवन को दिखाने की कोशिश की है। इसमें मंच पर तरुण कुमार, संदीप कुमार तनु, हरेंद्र कुमार, सुधांशु शेखर, जगदीप यादव ने अपने अभिनय से दर्शकों का मन जीत लिया। वहीं मंच से परे बृज बिहारी मिश्रा, आदित्य गुंजन, बबलू गांधी, कुणाल कुमार, राहुल रवि, अभिषेक आनंद, रौशन कुमार और रवि वर्मा ने सहयोग किया। 

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