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बाल विवाह व दहेज मुक्त बिहार पर बनी लघु फिल्म का सीएम ने किया लोकार्पण

बाल विवाह और दहेज प्रथा की कुरीतियों के खिलाफ बिहार सरकार ने जंग का ऐलान कर दिया है। कानून का सख्ती से पालन करने के साथ लोगों को जागरूक करने की मुहिम के तहत लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी। इसके अलावा दहेज...

बाल विवाह व दहेज मुक्त बिहार पर बनी लघु फिल्म का सीएम ने किया लोकार्पण
हिन्दुस्तान टीम,पटनाMon, 02 Oct 2017 06:38 PM
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बाल विवाह और दहेज प्रथा की कुरीतियों के खिलाफ बिहार सरकार ने जंग का ऐलान कर दिया है। कानून का सख्ती से पालन करने के साथ लोगों को जागरूक करने की मुहिम के तहत लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी। इसके अलावा दहेज और बाल विवाह की कुरीतियों को दूर करने के लिए गीतों और नारों का सहारा लिया जाएगा। लघु फिल्म और गीत-नारों की पुस्तिका का सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में लोकार्पण किया।

बाल विवाह और दहेज प्रथा पर चोट करती लघु फिल्में कुरीतियों के खिलाफ लोगों की आंखें खोलने वाली हैं। कन्वेंशन सेंटर में तीन लघु फिल्मों का प्रदर्शन हुआ। पहली फिल्म जहां बाल विवाह नहीं होने पर एक लड़की की सफलता की कहानी पर आधारित हैं, वहीं दूसरी फिल्म दहेज लोभियों के मुंह पर तमाचा है। इस फिल्म में शादी के रीति-रिवाज के दौरान होने वाले लेन-देन को दिखाया गया है। फिल्म के जरिए दहेज लोभियों को न सिर्फ उनकी खामियां दिखाई गई है, बल्कि दहेज न लेने का सबक भी दिया गया है।

तीसरी लघु फिल्म बाल विवाह और दहेज प्रथा दोनों को सम्मलित कर बनाई गई है। इसमें एक नाबालिग की बारात आती है पर शादी से पहले वह बेहोश हो जाती है। उसे अस्पताल ले जाने से लोग सिर्फ इसलिए मना करते हैं कि पुलिस को पता चल जाएगा। खैर, शादी तो टल जाती है पर बाद में जब वह बड़ी होती है तो दहेज का दानव मां-बाप के सामने खड़ा हो जाता है। यहां लड़की हिम्मत दिखाती है। शादी करने की जगह वह दहेज लोभियों को सलाखों के पीछे पहुंचाकर दम लेती है।

बाल विवाह के मिटाव ए भइया, आगे समाज के बढ़ाव

बाल विवाह के मिटाव ए भइया, आगे समाज के बढ़ाव। कुछ इसी टोन में जन शिक्षा निदेशालय के कला जत्था द्वारा गीत की प्रस्तुति दी गई। गीत के जरिए यह बताने की कोशिश की गई कि लड़का और लड़की एक हैं। दोनों को पढ़ाएं और भेदभाव मुक्त समाज का निर्माण करें। लड़की की शादी 18 और लड़के की 21 वर्ष के बाद ही करें।

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