सीएससी से जुड़ेंगी आरटीपीएस की सेवाएं : CM नीतीश
कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) को लोक सेवाओं का अधिकार कानून (आरटीपीएस) के तहत मिलने वाली सेवाओं से जोड़ा जाएगा। ताकि लोगों को और सुविधापूर्वक जाति, आय, आवासीय आदि प्रमाणपत्र मिल सके। मुख्यमंत्री नीतीश...
कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) को लोक सेवाओं का अधिकार कानून (आरटीपीएस) के तहत मिलने वाली सेवाओं से जोड़ा जाएगा। ताकि लोगों को और सुविधापूर्वक जाति, आय, आवासीय आदि प्रमाणपत्र मिल सके। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ज्ञान भवन में एसटीपीआई (सॉफ्टवेर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया) के पटना में इन्क्युबेशन केंद्र के विस्तारीकरण के शिलान्यास और अन्य कई योजनाओं के शुभारंभ के मौके पर यह घोषणा की।
सीएम ने कहा कि आरटीपीएस की शुरुआत वर्ष 2011 में हुई। तब से करोड़ लोगों ने इसका लाभ लिया। इसका केंद्र अब पंचायत स्तर तक भी खोले जा रहे हैं। साथ ही इसे कॉमन सर्विस सेंटर से भी जोड़ा जाएगा।
इस सेंटर पर शिकायतें प्राप्त की जाएंगी
इस सेंटर पर लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत भी शिकायतें प्राप्त की जाएंगी। यहां से शिकायतें लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास पहुंच जाएंगी। वहां शिकायतकर्ता को सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा। इससे सेंटर की आमदनी भी थोड़ी बढ़ेगी और लोगों को अपनी पंचायत में अथवां गांव के आस-पास से ही आवेदन की सुविधा मिल जाएगी। गौरतलब हो कि लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सभी अनुंडल और जिले के साथ-साथ राज्य मुख्यालय में बैठते हैं। वहीं राज्य में 28 हजार कॉमन सर्विस सेंटर हैं।
तेजी के साथ-साथ पारदर्शिता भी आएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सूचना प्रावैधिकी से सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को दिलाने में तेजी के साथ-साथ पारदर्शिता भी आएगी। आधार से लिंक कर लोगों को और पारदर्शी ढंग से सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने बिहार स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क, सहज तकनीक योजना एवं पंचायत स्तर पर सीएससी को इंडिया नेट के साथ सम्बद्ध कर डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराए जाने की योजना का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि हर प्रखंड में कुशल युवा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसमें 240 घंटे के कोर्स के दौरान संवाद कौशल, व्यवहार कौशल एवं कम्प्यूटर ज्ञान की जानकारी दी जाती है। अब तक साढ़े चार लाख युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और सवा लाख युवा ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं।
हार्डवेयर के निवेशकों को प्रोत्साहित करें
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से निवेदन किया कि बिहार में सॉफ्टवेयर के लिए तो बेहतर काम आपके द्वारा किया जा रहा है, लेकिन हार्डवेयर के निवेशकों को भी बिहार में आने के लिए प्रोत्साहित कीजिये। वे यहां उत्पादन करेंगे तो इसका लाभ सीधे तौर पर बिहार को मिलेगा और इससे रोजगार के नये अवसर भी पैदा होंगे। बिहार में साढ़े आठ करोड़ मोबाइल धारक हैं, पर यहां इससे जुड़े कारखाने नहीं हैं।
विशेष प्रशिक्षण दिलाने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने रविशंकर प्रसाद से कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर पर कार्यरत लोगों को विशेष प्रशिक्षण दिलाने की जरूरत है, ताकि प्रमाणपत्र में किसी के नाम में कोई गलती नहीं रहे। नाम के स्पेलिंग में थोड़ी भी गलती हो जाने से लाभुक को उसका लाभ नहीं मिल पाता है।