राज्य के नये मुख्य सचिव की खोज हुई तेज
राज्य में नए मुख्य सचिव की खोज तेज हो गई है। वर्तमान मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सरकार 7 आईएएस अधिकारियों में से बेहतर विकल्प की तलाश में है। चैतन्य प्रसाद की...
राज्य में नए मुख्य सचिव की खोज तेज हो गई है। चार दिनों बाद यानी 31 अगस्त को मौजूदा मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार बिहार कैडर के मुख्य सचिव रैंक में मौजूद 7 आईएएस अधिकारियों में बेहतर विकल्प की तलाश में जुट गई है। 1989 बैच के आईएएस अधिकारी ब्रजेश मेहरोत्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद सबसे उपर्युक्त विकल्प के लिए जोर आजमाइश बेहद तेज हो गई है। हालांकि, पिछले परिपाटी को देखें, तो सूबे के विकास आयुक्त ही मुख्य सचिव बनते रहे हैं। इस आधार पर वर्तमान विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद की उम्मीदवारी इस पद के लिए सबसे प्रबल है, परंतु विकास आयुक्त को ही मुख्य सचिव बनाने का यह प्रावधान किसी तरह का लिखित नियम नहीं है और न ही सरकार इसका पालन करने के लिए बाध्य है। मुख्य सचिव रैंक में मौजूद 7 अधिकारियों में किसी का चयन मुख्य सचिव के पद पर सरकार कर सकती है। यह पूरी तरह से सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला है।
एक्सटेंशन के लिए केंद्र की मंजूरी जरूरी
मौजूदा मुख्य सचिव को 3 से 6 महीने के क्सटेंशन की भी चर्चा है। यह केन्द्र सरकार के कार्मिक महकमा की मंजूरी के बाद ही संभव है। सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक एक्सटेंशन से संबंधित फाइल दिल्ली नहीं भेजी गई है। इस वजह से एक्सटेंशन मिलने की संभावना कम प्रतीत हो रही है। ऐसे में किसी नए अधिकारी का ही मुख्य सचिव बनना तय माना जा रहा है। अगर चैतन्य प्रसाद को मुख्य सचिव बनाया जाता है, तो उनका कार्यकाल लगभग एक वर्ष का होगा। वे 31 जुलाई 2025 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वह मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं।
इस तरह से है मौजूदा वरीयता सूची
अगर बिहार कैडर के आईएएस अधिकारियों की अपडेट वरीयता सूची को देखें, तो 1989 बैच के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा के बाद वरीयता के आधार पर 1990 बैच के विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद दूसरे और 1990 बैच के राजस्व पर्षद के अध्यक्ष केके पाठक तीसरे नंबर पर हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव 1991 बैच के प्रत्यय अमृत, इसी बैच के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, 1992 बैच के ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, इसी बैच की कला, संस्कृति विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा तथा 1993 बैच के पंचायती राज के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह का स्थान आता है।
7 में 4 आईएएस बिहार के ही
मौजूदा वरियता सूची का अवलोकन करने पर यह पता चलता है कि मुख्य सचिव रैंक के 7 अधिकारियों में 4 अधिकारी बिहार मूल के ही रहने वाले हैं। इसमें चैतन्य प्रसाद, प्रत्यय अमृत, दीपक कुमार सिंह और मिहिर कुमार सिंह शामिल हैं। जबकि शेष तीन में केके पाठक उत्तर प्रदेश, डॉ. एस सिद्धार्थ तमिलनाडु और हरजोर कौर बम्हरा महाराष्ट्र मूल की है। हालांकि मुख्य सचिव बनने में मूल स्थान का कोई मायने नहीं रखता है। सिर्फ बिहार कैडर होना चाहिए। वर्तमान मुख्य सचिव भी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।
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