ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार पटनाबिहार: कैमूर में दलित छात्रा की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने थाना फूंका

बिहार: कैमूर में दलित छात्रा की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने थाना फूंका

भभुआ रोड स्टेशन पर बीते बुधवार की देर शाम रेल ट्रैक पर मिले दलित छात्रा के शव से आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार की सुबह रामगढ़ थाने में जमकर उत्पात मचाया। पुलिस पर हमला बोलते हुए थाना फूंक दिया। थाना...

बिहार: दलित छात्रा की मौत से गुस्साए लोगों ने थाना फूंका, मची भगदड़
1/ 4बिहार: दलित छात्रा की मौत से गुस्साए लोगों ने थाना फूंका, मची भगदड़
भीड़ से बचाव व तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने की फायरिंग
2/ 4भीड़ से बचाव व तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने की फायरिंग
भीड़ से बचाव व तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने की फायरिंग
3/ 4भीड़ से बचाव व तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने की फायरिंग
बाजार के लोगों पर भी किया पथराव, दुर्गा चौक के पास किया जाम
4/ 4बाजार के लोगों पर भी किया पथराव, दुर्गा चौक के पास किया जाम
रामगढ़। लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 18 Jan 2019 08:58 PM
ऐप पर पढ़ें

भभुआ रोड स्टेशन पर बीते बुधवार की देर शाम रेल ट्रैक पर मिले दलित छात्रा के शव से आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार की सुबह रामगढ़ थाने में जमकर उत्पात मचाया। पुलिस पर हमला बोलते हुए थाना फूंक दिया। थाना परिसर में जब्त दो दर्जन से अधिक वाहन, पुलिस की जीप तथा कई कागजात जल गए। भीड़ ने पुलिस पर पथराव भी किया। इसमें डीएसपी रघुनाथ सिंह का सिर फट गया। उनके समेत सात पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। 

उपद्रव के दौरान करीब छह घंटे तक रामगढ़ थाना धू-धूकर जलता रहा और पूरा थाना करीब दो घंटे तक उपद्रिवयों के कब्जे में रहा। इस दौरान भीड़ ने दोबारा थाने में आगजनी की। दमकल भी काम नहीं आई। उपद्रवियों के तांडव से भयभीत फायर ब्रिगेड के कर्मी वाहन लेकर एक किलोमीटर दूर खड़े रहे, जबकि दंगा नियंत्रण वाहन लेकर कर्मी भाग चले। दो घंटे तक तो ऐसी स्थिति बनी रही कि पुलिस और प्रशासन का कोई भी अधिकारी थाने के आसपास दिखायी नहीं दिया। डीआईजी राकेश राठी के आने के बाद वज्र वाहन, दमकल व पुलिस प्रशासन की गाड़ियां थाना परिसर के पास पहुंचीं। इसके बाद पुलिसकर्मी उपद्रवियों को खदेड़ना शुरू किए। इस दौरान भीड़ पर लाठियां भी बरसाई गईं। कुछ दूरी पर सभा कर रहे प्रदर्शनकारियों के पास जाकर डीआईजी ने उनसे आवेदन लिया। 

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि छात्रा की मौत के जिम्मेवार बड़ौरा गांव के आरोपित सीएसपी संचालक को गिरफ्तार किया जाए। साथ ही मृतका के परिजनों को सरकारी नौकरी व उचित मुआवजा दिया जाए। डीआईजी ने इस मामले में न्यायोचित कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ। परिजनों ने अनहोनी के बाद छात्रा की हत्या कर शव को ट्रैक पर फेंके जाने की आशंका जताई है। 

छात्रा पूर्वा एक्सप्रेस के सामने आ गई थी, जिसे बचा लिया गया था। घायल छात्रा का जीआरपी ने अनुमंडल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद परिजनों को सौंप दिया था। इसके बाद उसे ट्रॉमा सेंटर वाराणसी ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। जीआरपी और अस्पताल की पर्ची जारी कर दी गई है।
-डॉ. नवल किशोर चौधरी

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें