पटना शहरी क्षेत्र में तीन पहिया वाहनों की परमिट के लिए आवेदन 23 से
शुक्रवार को प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें पटना में ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा के परिचालन को विनियमित करने पर चर्चा की गई। 23 सितंबर से नए जोनवार परमिट के लिए आवेदन...

शहरी क्षेत्र में सुगम यातायात के लिए शुकवार को प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें शहरी क्षेत्र में ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा के परिचालन को नियंत्रित और विनियमित तथा परमिट निर्गत करने के संबंध में विमर्श किया गया तथा आवश्यक निर्णय लिये गये। आयुक्त डॉ. सिंह ने कहा कि पटना में 75,000 ऑटो रिक्शा निबंधित हैं, जिसमें केवल 16,000 ऑटो रिक्शा को ही ग्रामीण क्षेत्रों के लिए परमिट दिया गया है। शेष ऑटो रिक्शा शहरी क्षेत्रों में चल रहे हैं। इन वाहनों को 2014 से ही परमिट नहीं किया जा रहा है। बैठक में निर्णय लिया गया कि शहरी क्षेत्रों में तीन पहिया वाहनों के परमिट के लिए वाहन स्वामियों से जोनवार आवेदन आमंत्रित किया जाए।
कोई भी वाहन स्वामी एक जोन और इस जोन के अंदर तीन रूट के लिए परमिट के लिए आवेदन दे सकते हैं। 23 सितंबर से आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया। अनुमान्य रूट में ई-रिक्शा के मालिक भी परमिट के लिए आवेदन दे सकते हैं। बैठक में जिला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम, एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा, उप विकास आयुक्त समीर सौरभ, पुलिस अधीक्षक (यातायात) अपराजित लोहान, जिला परिवहन पदाधिकारी उपेन्द्र कुमार पाल पटना और अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे। नए मार्गों को जोड़ने की पहल : आयुक्त ने कहा कि नए-नए रूट बनाए गए हैं। मेट्रो का भी परिचालन प्रारंभ हो रहा है। इस सबको देखते हुए जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक को सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श कर जोनवार नए-नए मार्गों को जोड़ने के लिए विधिवत कार्रवाई का निर्देश दिया गया। शहरी क्षेत्रों में जनहित के दृष्टिकोण से जाम की समस्या का समाधान खोजना आवश्यक है। वाहन चालकों एवं वाहन स्वामियों को भी अनुकूलतम स्थिति मिलेगा। इस सबको ध्यान में रखते हुए सरकार के स्तर से कार्रवाई की जा रही है। ऑटो एवं ई-रिक्शा संघों सहित विभिन्न वाहन संघों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया गया। पूरे पटना शहरी क्षेत्र को तीन जोन में बांटा गया है- येलो जोन, ग्रीन जोन तथा ब्लू जोन। इसके अतिरिक्त रिजर्व में चलने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए रिजर्व जोन (व्हाइट जोन) का भी निर्धारण किया गया है। रिजर्व जोन में चलने वाले वाहन रास्ते में बिना किसी स्टॉपेज के स्रोत से गंतव्य स्थान तक चलेंगे। आयुक्त ने पदाधिकारियों को विभिन्न वाहन संघों के प्रतिनिधियों के साथ सम्पर्क में रहने का निर्देश दिया है। कहा कि राज्य सरकार वाहन चालकों एवं स्वामियों के हित के प्रति सजग है। हाल ही में सरकार द्वारा मुख्यमंत्री वाहन चालक कल्याण योजना लागू की गई है। इसके तहत व्यावासायिक वाहनों के चालकों के कल्याण हेतु अनेक प्रावधान किए गए हैं। उन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं, दुर्घटना बीमा योजनाओं, हेल्थ कार्ड, श्रम संसाधन विभाग के विभिन्न योजनाओं इत्यादि से आच्छादित किया गया है ताकि चालक एवं उनका परिवार सुरक्षित, स्वस्थ तथा सम्मानजनक ढंग से जीवन व्यतीत कर सकें।
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