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राजभवन में लगी उद्यान प्रदर्शनी, कद्दू और कोहड़े ने पायी तवज्जो

राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि परंपरागत खेती से हटकर किसानों को मधुमक्खी-पालन, मुर्गीपालन, मशरूम, फल-फूल तथा सुगंधित एवं औषधीय पौधों के उत्पादन, बकरी-पालन और गो-पालन जैसे कृषि आधारित उद्योगों से जुड़ना...

राजभवन में लगी उद्यान प्रदर्शनी, कद्दू और कोहड़े ने पायी तवज्जो
हिन्दुस्तान टीम,पटनाFri, 14 Feb 2020 10:18 PM
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राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि परंपरागत खेती से हटकर किसानों को मधुमक्खी-पालन, मुर्गीपालन, मशरूम, फल-फूल तथा सुगंधित एवं औषधीय पौधों के उत्पादन, बकरी-पालन और गो-पालन जैसे कृषि आधारित उद्योगों से जुड़ना होगा। गो-पालन लाभदायक व्यवसाय है। विशेषकर देशी गायों का दूध, गोबर और गोमूत्र-तीनों ही उपयोगी हैं। श्री चौहान ने ये बातें राजभवन परिसर स्थित राजेन्द्र मंडप में शुक्रवार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर द्वारा संयोजित ‘उद्यान प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर कही।

उन्होंने कहा कि देश के विकास में कृषि एवं कृषि से जुड़े क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारी आर्थिक व सामाजिक प्रगति इसी पर निर्भर है। देश की एक चौथाई आय, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों से ही प्राप्त होती है।

राज्यपाल ने कहा कि बंटवारे के बाद बिहार का विकास मूल रूप से कृषि पर ही अवलंबित हो गया है। आज बिहार की विकास दर देश की विकास दर से भी अधिक 15 प्रतिशत है। कहा कि आज राजभवन में ‘उद्यान प्रदर्शनी आयोजित करते हुए राज्य के किसानों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। राजभवन को जनता के लिए खोलने की भी शुरुआत आज के इस आयोजन के माध्यम से कर दी गई है। मौके पर कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति डॉ. रामेश्वर सिंह, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, कृषि के अपर सचिव आरएन राय, उद्यान निदेशक नंद कुमार आदि भी उपस्थित थे।

इस प्रदर्शनी में कुल 7 समूहों -सब्जी, फल, पत्तेदार पौधे (गमले में), मौसमी फूल, मौसमी फल (डंठल सहित), सुगंधित एवं औषधीय पौधे से जुड़े 884 प्रदर्श शामिल थे। बड़े आकार के कद्दू और कोहड़े, बैगन की विभिन्न वेरायटी, बिहार के जिलों में पैदा हुई स्ट्रावरी, विभिन्न प्रकार के फूल और औषधीय पौधों ने आगंतुकों को आकर्षित किया।

80 प्रदर्श हुए पुरस्कृत

प्रदर्शनी में 80 प्रदर्शों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। प्रथम पुरस्कार के रूप में 3000, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 2000 एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में 1000 रुपये दिए गये।

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