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स्कूल कैम्पस में पुलिस का कब्जा, लाइब्रेरी और लैब महीनों से बंद

कक्षा के बाहर पुलिस वाले बिस्तर लगा कर सोये रहते हैं। आने जाने का रास्ता तक नहीं। नल से पानी बह रहा है। शौचालय की स्थिति खराब है। छात्र कक्षा में कैसे जाएं। यह हाल राजधानी के कई स्कूलों का है।...

स्कूल कैम्पस में पुलिस का कब्जा, लाइब्रेरी और लैब महीनों से बंद
पटना | वरीय संवाददाताTue, 18 Jun 2019 11:00 AM
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कक्षा के बाहर पुलिस वाले बिस्तर लगा कर सोये रहते हैं। आने जाने का रास्ता तक नहीं। नल से पानी बह रहा है। शौचालय की स्थिति खराब है। छात्र कक्षा में कैसे जाएं। यह हाल राजधानी के कई स्कूलों का है। पुलिसवालों का कक्षाओं पर कब्जा होने से पढ़ाई बाधित है। 

राजेंद्रनगर बालक उच्च विद्यालय, बांकीपुर बालिका उच्च विद्यालय, महंत हनुमंत शरण उच्च विद्यालय, पटना हाई स्कूल, अदालतगंज उच्च विद्यालय आदि स्कूलों में कई महीनों से पुलिस का कब्जा है। पुलिस वाले एक बार आए, अब जाने का नाम नहीं ले रहे हैं।  राजेंद्रनगर बालक हाई स्कूल की बात करें तो पानी का मोटर दो बार जल चुका है। स्कूल में सौ से अधिक बीएमपी-15 बटालियन रह रहे हैं। इनमें महिला पुलिस भी शामिल हैं। 

बिजली बिल देते-देते परेशान हैं स्कूल 
कब्जा होने से आर्थिक परेशानी भी स्कूल प्रशासन भुगत रहा है। राजेंद्रनगर बालक स्कूल प्रशासन की मानें तो 24 घंटे बिजली-पानी खर्च होता है। इससे हर महीने ढाई हजार की जगह 15 हजार से अधिक का बिल आ रहा है। स्कूल प्रशासन छात्र कोष से दो लाख का बिजली बिल दे चुका है। कुछ ऐसा ही हाल महंत हनुमंत शरण स्कूल का भी है। 

प्रायोगिक परीक्षा में की गयी खानापूर्ति 
महीनों प्रयोगशाला बंद होने का असर मैट्रिक और इंटर के प्रायोगिक परीक्षा पर भी पड़ा। बिहार बोर्ड ने इस बार प्रायोगिक परीक्षा के लिए होम सेंटर ही बनाया था। स्कूलों को अपने ही विद्यार्थी की प्रायोगिक परीक्षा लेनी थी। ऐसे में इन स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षा में खानापूर्ति हुई। 

बस हो रहा पत्राचार 
स्कूल से पुलिस वालों को हटाने के लिए कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन इसका कोई असर अब तक नहीं हुआ है।

केस-1
राजेंद्रनगर बालक उच्च विद्यालय में पिछले पांच महीने से पुलिस वाले डेरा जमाए हैं। इससे स्कूल की 12 कक्षाएं बाधित हैं। खासकर पुस्तकालय और प्रयोगशाला की कक्षाएं नहीं हो रही हैं। महीनों से पुस्तकालय और प्रयोगशाला बंद पड़ी हैं। 

केस-2
बांकीपुर बालिका उच्च विद्यालय में दो वर्षों से पुलिस का कब्जा है। पुलिस बटालियन स्कूल के चार कमरे में डेरा जमाए है। साइंस भवन में पांच कक्षाओं में ईवीएम है। इससे छात्राओं का उधर जाना बिलकुल बंद है। पुस्तकालय भी बंद रहता है। स्कूल प्रशासन की मानें तो पांच महीने से पुस्तकालय खुला नहीं है। 

24 घंटे पानी-बिजली की खपत होती है। छात्र कोष से अभी तक दो लाख रुपये बिजली बिल मद में भर चुका हूं। इसकी जानकारी डीइओ को दी गई है। पुस्तकालय और प्रयोगशाला कई महीनों से बंद हैं।
-जगदेव भिंडवाड़, प्राचार्य, राजेंद्रनगर बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय

स्कूल के आधे दर्जन से अधिक कमरे अतिक्रमण की चपेट में हैं। इनमें तीन से चार कमरे में पुलिस रहती है। पिछले दो साल से यह स्थिति है। स्कूल की कई कक्षाएं अब तो स्थायी तौर पर पुलिस के कब्जे में ही रहती हैं। 
-मीना कुमारी, बांकीपुर बालिका उच्च विद्यालय।

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