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कल से सरकारी अस्पतालों में लगेगा निमोनिया का टीका

पहली जून से राज्य से सरकारी अस्पतालों में निमोनिया से बचाव के लिए न्यूमोकोकल वैक्सीन नि:शुल्क लगायी जाएगी। भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में पहली बार यह टीका नियमित टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा...

कल से सरकारी अस्पतालों में लगेगा निमोनिया का टीका
हिन्दुस्तान टीम,पटनाWed, 30 May 2018 09:14 PM
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पहली जून से राज्य से सरकारी अस्पतालों में निमोनिया से बचाव के लिए न्यूमोकोकल वैक्सीन नि:शुल्क लगायी जाएगी। भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में पहली बार यह टीका नियमित टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा रहा है। राज्य के लगभग 30 हजार नवजातों को शुक्रवार से टीका लगाने का काम शुरू होगा।

राज्य में लगभग 30 लाख बच्चे ऐसे हैं जिन्हें यह टीका लगाया जाना है। पटना में 12 हजार बच्चे चिन्हित किए गए हैं। अस्पतालों के लिए 80 हजार वायल टीके मंगाये गए हैं। पटना के लिए पांच हजार वायल टीका मंगाया गया है। पटना के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसपी विनायक का कहना है कि यह टीका काफी सुरक्षित है। सभी प्राथमिक केंद्रों में टीका पहुंचा दिया गया है। शुक्रवार की सुबह आठ बजे से अस्पतालों में बच्चों को अन्य टीकों के साथ-साथ यह भी टीका लगाया जाएगा। बता दें कि सरकारी अस्पतालों में निमोनिया का नि:शुल्क टीका लगाने वाला बिहार 7वां प्रदेश होगा जहां ऐसी व्यवस्था की जा रही है।

  • पटना में 12 हजार बच्चे चिन्हित किए गए हैं
  • अस्पतालों के लिए 80 हजार वायल टीके मंगाये गए हैं

कैसे लगाया जाता है टीका : न्यूमोकोकल वायरस से बचाव के लिए यह टीका बच्चे को तीन डोज में लगाया जाता है। पहला टीका बच्चे को डेढ़ माह पर लगाया जाता है। उसके बाद साढ़े तीन माह तथा तीसरा टीका नौ माह पर लगाया जाता है। तीनों टीका सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क लगाए जाएंगे जबकि बाजार में एक डोज टीका लगाने में तीन से चार हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

सूबे में निमोनिया से मरते हैं 21 हजार बच्चे : राज्य में प्रत्येक साल पांच साल से कम उम्र के लगभग डेढ़ लाख बच्चों की विभिन्न बीमारियों से मौत हो जाती है जिसमें निमोनिया के कारण लगभग 21 हजार बच्चे मरते हैं। यह टीका महंगा होने के कारण गरीब परिवार के लोग बच्चे को नहीं लगवा पाते थे। यही कारण है कि निमोनिया से मरने वालों में सबसे अधिक गरीब परिवार के बच्चे होते हैं।

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