वायु व ध्वनि प्रदूषण को लेकर पटना हाईकोर्ट में पीआईएल दायर
शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। राजधानी में बढ़ते वायु व ध्वनि प्रदूषण को लेकर एक पीआईएल पटना हाईकोर्ट में दायर की गई है। साथ ही दायर केस पर जल्द सुनवाई की...
शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है। राजधानी में बढ़ते वायु व ध्वनि प्रदूषण को लेकर एक पीआईएल पटना हाईकोर्ट में दायर की गई है। साथ ही दायर केस पर जल्द सुनवाई की गुहार हाईकोर्ट से लगाई गई। देश के तीन प्रदूषित शहरों में पटना के शामिल होने के बावजूद जिला प्रशासन सहित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोई कार्रवाई नहीं किये जाने के खिलाफ अधिवक्ता सर्वदेव सिंह ने अर्जी दायर की है।
दायर अर्जी में आरोप लगाया है कि विगत 20-22 नवम्बर से ही पटना के वायु प्रदूषण का मीटर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है, लेकिन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह नजर नहीं आ रहा है। 22 नवम्बर को पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स 370 अंक तक पहुंच गया वहीं 26 नवम्बर को इंडेक्स बढ़ कर 398 के करीब आ गया था।
पटना में तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण का एकमात्र कारण हवा में अचानक बढ़ते धूल व अन्य कणों की बेतहाशा बढ़ोतरी है। बेली रोड हो या बोरिंग रोड हवा से नाक में जलन का एहसास होता है। दूसरी तरफ सरकार की तरफ से जमीन पर पॉल्यूशन से निबटने के कारगर उपाय नहीं किये जा रहे हैं। पटना की हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है। इससे स्कूली बच्चे सहित अन्य सभी लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। लोग सांस व फेफड़े की बीमारी के शिकार हो रहे हैं। इसका असर गर्भवती महिलाओं व जन्म लेने वाले बच्चों पर बुरा पड़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सभी जिलाधिकारों को एडवाइजरी जारी की है लेकिन उसे जमीन पर उतारा नहीं जा रहा है।