कॉलेजों में लॉटरी से प्राचार्यों की तैनाती पर हाईकोर्ट की रोक
पटना हाई कोर्ट ने बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा प्राचार्यों की लॉटरी से नियुक्ति पर रोक लगा दी है। अगले आदेश तक इस पर रोक रहेगी और जुलाई में अगली सुनवाई होगी। अदालत ने इस प्रक्रिया को...

पटना हाई कोर्ट ने बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की ओर से चयनित प्राचार्यों की लॉटरी से कॉलेजों में तैनाती के कुलाधिपति सचिवालय के 16 मई के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई जुलाई में करेगा। इस बीच जवाबी हलफनामा दायर करने के भी आदेश दिए गए हैं। राजभवन की अधिसूचना को प्रोफेसर सुहेली उर्फ सुहेली मेहता एवं अन्य ने अर्जी दायर कर चुनौती दी। आवेदकों की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने पक्ष रखते हुए ग्रीष्मकालीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश कुमार वर्मा को बताया कि कॉलेज में स्थानीय प्राचार्य की तैनाती लॉटरी से किए जाने की अधिसूचना जारी की गई है।
विश्वविद्यालय कानून को नजरअंदाज कर ऐसा किया जा रहा है। वहीं कुलाधिपति के अधिवक्त राजीव रंजन कुमार पाण्डेय ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि प्राचार्यों की तैनाती कानून के तहत की जा रही है। तैनाती में पूरी पारदर्शिता रहे इसलिए यह नीति अपनाई गई है। कोर्ट ने कुलाधिपति सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। साथ ही कहा कि अगर कुलाधिपति चाहे तो अधिसूचना में सुधार कर पुनः नये सिरे से कानून के तहत प्राचार्यों की तैनाती की अधिसूचना जारी कर सकते हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।