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टीईटी फर्जीवाड़े में एक और बोर्ड कर्मी गिरफ्तार

शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 फर्जीवाड़े मामले में बोर्ड के एक और कर्मी अमित कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में दोनों के खिलाफ पुलिस को काफी साक्ष्य प्राप्त हुए...

टीईटी फर्जीवाड़े में एक और बोर्ड कर्मी गिरफ्तार
हिन्दुस्तान टीम,पटनाSun, 29 Jul 2018 12:36 AM
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शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 फर्जीवाड़े मामले में बोर्ड के एक और कर्मी अमित कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में दोनों के खिलाफ पुलिस को काफी साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।

पुलिस कर रही छापेमारी

एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि टीईटी फर्जीवाड़े में पकड़े गए कर्मी की अहम भूमिका है। वहीं बोर्ड के दो और कर्मी अरविंद कुमार और रंजीत मिश्रा की तलाश जारी है। बोर्ड में पदचर पर कार्यरत चतुर्थ वर्गीय कर्मी जिसपर पहले ही दिन प्राथमिकी दर्ज की गयी थी,वह भी फरार चल रहा है। पुलिस इन तीनों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। इनके पकड़ने के बाद ही कई और राज खुलेंगे। अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें तीन बोर्ड के कर्मी हैं। चार शिक्षिकाएं और एक दलाल को पकड़ा जा चुका है।

ओटीआर में फेरबदल करने में अहम भूमिका

बोर्ड में अमित अपर डिवीजन क्लर्क के पद पर कार्यरत था। पिछले दस वर्ष से बोर्ड में काम कर रहा है। पिछले कई सालों से कंप्यूटर सेक्शन में कार्यरत है। मुख्य रूप से रिजल्ट में सुधार के कार्यों को करता है। जांच में पाया गया कि टीईटी के अंक प्रमाणपत्र आरिजनल टुबेलेटिंग रजिस्टर (ओटीआर ) कंप्यूटर में फेरबदल में इसकी अहम भूमिका मानी जा रही है। पुलिस के अनुसार पहले भी कई अन्य मामलों में यह दोषी पाया गया है। उसे ऑडियो-विडियो फिल्म बनाने का भी शौक है। इधर, आईटी सलाहकार अर्जुन प्रसाद का नाम आने के बाद बोर्ड में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गयी हैं। बोर्ड के सूत्रों की माने तो आईटी सलाहकार का कोई पद ही नहीं होता है। इसके बावजूद भी इन्हें सलाहकार की भूमिका में रखा गया था। पुलिस ने इन्हें पूछताछ के लिए उठाया था, हालांकि बाद में छोड़ दिया। पूर्व में डीडीआईटी रहे अर्जुन प्रसाद ने बताया कि अभी मेरा पद आईटी सलाहकार का है। इस पद के लिए अभी मेरी कार्य अवधि पन्द्रह से बीस दिनों की बची हुई है।

बेगूसराय प्रखंड के 41 शिक्षक संदिग्ध

टीईटी फर्जीवाड़े में डीईओ स्तर से बड़ी गड़बड़ी हुई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद निगरानी विभाग को टीईटी फर्जीवाड़े का जांच करने का आदेश दिया गया था। निगरानी ने कई शिक्षकों को फर्जीवाड़े में पकड़ा था। इस बार भी निगरानी विभाग द्वारा केस किये जाने पर पूरे मामले का खुलासा हुआ है। कोर्ट के आदेश के बाद सभी डीईओ को सही छात्रों की सीडी उपलब्ध करायी गयी थी। इसी सीडी के आधार पर शिक्षकों को नियोजित करना था। इसमें डीईओ स्तर पर बिना जांच किये हुए शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गयी थी। इसमें कई जिलों में गड़बड़ी की गयी। इसबार सबसे अधिक मामला बेगूसराय का पकड़ा जा रहा है। यहां एक ही प्रखंड में 41 नियोजित शिक्षक संदिग्ध हैं। इसके अलावा कई अन्य प्रखंडों में ऐसे फर्जी शिक्षक कार्य कर रहे हैं। इसकी सूची भी निगरानी विभाग ने बोर्ड को सौंपी है।

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