बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं हो रहीं बेहतर, इलाज के लिए बाहर जाने की नहीं होगी जरूरत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि मजबूरी में किसी को इलाज के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। कोई बेहतर इलाज के लिए अपने मन...
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि मजबूरी में किसी को इलाज के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। कोई बेहतर इलाज के लिए अपने मन से बाहर जाना चाहे तो वह अलग बात है। मुख्यमंत्री रविवार को विद्यापति भवन में दधीचि देहदान समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में हमारी सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक सुधार हुए। अस्पतालों में मरीजों के लिए मुफ्त दवा योजना की शुरुआत तत्कालीन उप राष्ट्रपति भैरव सिंह शेखावत के हाथों कराई गई। इससे मरीजों की संख्या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बढ़ी और लोगों का भरोसा बढ़ा। इसी प्रकार दूसरे चरण में अब स्वास्थ्य क्षेत्र में और सुधार किये जाने हैं। मुझे विश्वास है कि नए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय विशेष रुचि लेंगे और इस कार्य को आगे बढ़ाएंगे। मौके पर उप मुख्यमंत्री और दधीचि देहदान समिति के मुख्य संरक्षक सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में अंगदान की परंपरा बहुत पहले से है। मानव शरीर मृत्यु के उपरांत किसी को जीवन देने में काम आए, इससे बेहतर इस शरीर का और क्या उपयोग हो सकता है। अंगदान और देहदान करके कोई व्यक्ति अपने जीवन की दूसरी पाली खेल सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसी एक बड़े अस्पताल को अंग प्रत्यावर्तन अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी अपना नेत्र दान करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने पटना जिलाधिकारी संजय अग्रवाल, अंगदान के लिए विभिन्न उत्प्रेरक, नेत्रदान करने वाले परिवार, नेत्र बैंकों और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को पुरस्कृत किया। मौके पर महापौर सीता साहू, विधायक संजीव चौरसिया, पूर्व विधान पार्षद गंगा प्रसाद, समिति के महामंत्री विमल जैन, डॉ. एनआर विश्वास, डॉ. सुभाष प्रसाद आदि उपस्थित थे।