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आषाढ़ी नवरात्र पर आज से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा

बरसाती रोग और शोक से मुक्ति के लिए श्रद्धालु शनिवार से देवी की आराधना में लीन हो जायेंगे। शनिवार से आषाढ़ी नवरात्र यानी गुप्त नवरात्र शुरू हो जायेगा। मंदिरों और घरों में कलश स्थापना और शक्ति पूजा...

आषाढ़ी नवरात्र पर आज से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा
हिन्दुस्तान टीम,पटनाSat, 14 Jul 2018 01:18 AM
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बरसाती रोग और शोक से मुक्ति के लिए श्रद्धालु शनिवार से देवी की आराधना में लीन हो जायेंगे। शनिवार से आषाढ़ी नवरात्र यानी गुप्त नवरात्र शुरू हो जायेगा। मंदिरों और घरों में कलश स्थापना और शक्ति पूजा होगी। आषाढ़ नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। विशेषकर तांत्रिक क्रियाओं, शक्ति साधनाओं और महाकाल से जुड़े साधकों के लिये यह नवरात्र विशेष माना जाता है।

ज्योतिषाचार्य प्रियेंदू प्रियदर्शी ने बताया कि ऋतु संधि में तरह-तरह की बीमारियों का प्रकोप बढ़ने कारण इनसे बचाव के लिए आषाढ़ मास में शक्ति पूजन की प्राचीन परंपरा है। प्रतिपदा तिथि का क्षय होने से आठ दिनों की पूजा की जायेगी। श्रद्धालु फलाहार या निराहार रहकर मां की आराधना करेंगे। ज्योतिषाचार्य पीके युग के अनुसार आषाढ़ नवरात्र की शुरुआत और समापन पर सर्वार्थ सिद्धि योग है। पुनर्वसु नक्षत्र में पूजन शुरू होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार आषाढ़ नवरात्र में इस बार एक तिथि का क्षय है। कोई प्रतिपदा तिथि को क्षय मान रहा तो कई द्वितिया तिथि को।

प्रतिपदा तिथि को क्षय मानने वाले उदया तिथि के अनुसार 14 जुलाई की सुबह 6.35 से 7.35 बजे तक कलश स्थापना करेंगे। द्वितीया तिथि को क्षय मानने वालों ने शुक्रवार को कलश स्थापना करके पूजा शुरू की। दुर्गा सप्तशती पाठ करने से कल्याण नवरात्र में दुर्गा सप्तशती, इष्ट देवी के बीजमंत्र, दुर्गा कवच, दुर्गा शतनाम पाठ प्रतिदिन करना चाहिए। दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ नहीं करें तो अध्याय 4, 5 और 11 का पाठ कर लेना चाहिए।

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