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राजधानी वाटिका के नर्सरी से 10-10 रुपए में मिलेंगे काजू और शरीफा के पौधे

राजधानी वाटिका के नर्सरी में काजू, शरीफा और बड़ा आंवला जैसे नए पौधों की प्रजातियाँ उपलब्ध होंगी। पहली बार 50 हजार पौधे वैज्ञानिक तरीके से तैयार किए जा रहे हैं। ये पौधे 10 रुपए में आम लोगों को मिलेंगे।...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाWed, 9 April 2025 10:09 PM
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राजधानी वाटिका के नर्सरी से 10-10 रुपए में मिलेंगे काजू और शरीफा के पौधे

राजधानी वाटिका के नर्सरी में अब काजू, शरीफा (सीताफल), बड़ा आंवला समेत अन्य नई प्रजातियों के पौधे मिलेंगे। पहलीबार नर्सरी में इस तरह की प्रजातियों के पौधों को तैयार किया जा रहा है। पार्क प्रबंधन नर्सरी में इसके बीज को लगाया है। जून महीने तक पौधे तैयार होकर आम लोगों को मिलना शुरू हो जाएगा। यह पौधे महज 10 रुपए में आम लोगों को मिलेंगे। दरअसल काजू के पौधे वहां उगते जहां गर्म और नम मौसम होता है। भारत में महाराष्ट्र, केरल, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में होती है। पटना के नर्सरी में पहलीबार काजू के पौधे को उगाने का प्रयास किया जा रहा है। 50 हजार पौधे नर्सरी में वैज्ञानिक तरीके से हो रहे तैयार : राजधानी वाटिका में पौधों की मांग बढ़ती जा रही है। सीजन से पहले पौधों की बिक्री हो जा रही है। पिछले साल 30 हजार पौधे तैयार किए गए थे। इसबार 50 हजार पौधे वैज्ञानिक रीति से तैयार करवाए जा रहे हैं। उसमें फल, फूल, सजावटी, औषधीय और लकड़ियों वाले पौधे शामिल हैं। नर्सरी में पौधे को तैयार बेहद ही अच्छी तरह से किया जाता है। पौधे उन जगहों पर तैयार किए जाते जहां अच्छी जल निकासी है और जलभराव नहीं होता। मिट्टी में अच्छी तरह खाद और कंपोस्ट मिलाए जाते हैं। पौधों को तेज धूप, हवा और अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों से बचाने के लिए छायादार जगह या पॉलीहाउस का उपयोग किया जाता। पौधों को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए जाल या अन्य सुरक्षात्मक उपायों का प्रयोग होता है।

इन प्रजातियों के मिलेंगे पौधे : पौधशाला में लगाए गए फलदार व छायादार पौधों में चंदन, शीशम, सागवान, सखुआ, बरगद, जामुन, सीता, अशोक, कचनार, करंज, नींबू, गुलर, कुसुम, कचनार, ईमली, आम, अमरूद, कुसुम, चंपा, बहेरा, अर्जुन, गुलमोहर, कटहल, नीम, महोगनी आदि पौधे शामिल हैं। पटना पार्क प्रमंडल रेंज वन के अनुसार हर व्यक्ति अपने जीवन काल में एक पौधा जरूर लगाएं। पर्यावरण संरक्षण के साथ हरियाली लाने के लिए वन विभाग इस पौधशाला में नई प्रजातियों के पौधों का निर्माण कराया जा रहा है। पौधशाला के निर्माण से पौधे की कमी दूर होने लगी है। जिससे शहर में पौधरोपण को गति मिल रही है।

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