आधे से अधिक तकनीकी प्रबंधकों ने छोड़ी नौकरी
किसानों को आधुनिक तकनीक से खेती की पद्धति सिखाने वाले आधे से अधिक तकनीकी प्रबंधकों ने महज दो साल में नौकरी छोड़ दी। इससे सरकार की वैज्ञानिक तकनीक से खेती कराने की योजना शिथिल पड़ गई...
किसानों को आधुनिक तकनीक से खेती की पद्धति सिखाने वाले आधे से अधिक तकनीकी प्रबंधकों ने महज दो साल में नौकरी छोड़ दी। इससे सरकार की वैज्ञानिक तकनीक से खेती कराने की योजना शिथिल पड़ गई है।
ज्ञात हो कि कृषि विभाग में साल 2015 के दिसम्बर महीने में 1602 असिस्टेंट टेक्नॉलोजी मैनेजर (एटीएम) और 534 ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर(बीटीएम) संविदा पर बहाल हुए थे। नौकरी छोड़ने वाले अधिकतर व्यक्ति कृषि समन्वयक पद पर बहाल हुए हैं। वर्तमान में 450 एटीएम और 200 बीटीएम बचे हैं।
किसानों के भरोसे चल रही किसान पाठशाला
असिस्टेंट टेक्नोलॉजी मैनेजर और ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर के नौकरी छोड़ देने से पंचायतों में होने वाली किसान पाठशाला किसानों की बदौलत चलाये जा रहे हैं। इसका आयोजन समूह बनाकर खेतों में ही किया जाता है। इसमें 25 किसान और एक संचालक होते हैं। किसान पाठशाला छह चरणों में की जाती है। बीज प्रबंधन, बीज उपचार, उर्वरक प्रबंधन, खर-पतवार नियंत्रण, कटाई और मार्केटिंग पर किसान पाठशाला आयोजित की जाती है। इसके अलावा छोटे-छोटे समूहों का निर्माण और उनके प्रशिक्षण का काम नहीं हो पा रहा है।
न नौकरी पक्की और समय पर मिलता था मानदेय
एटीएम और बीटीएम की नौकरी छोड़ने वाले कृषि स्नातकों का कहना है कि कृषि समन्वयकों की नियमित नियुक्ति के लिए वही दक्षता चाहिए जो एटीएम और बीटीएम के लिए था। वे संविदा पर बहाल थे। एक साल के बाद दोबारा कांट्रैक्ट कराया जाता था। उनका मानदेय भी कभी समय पर नहीं मिल रहा था। ऐसे में खेतों में जाकर काम करना उनके लिए मुमकिन नहीं हो रहा था। इस वजह से नौकरी छोड़नी पड़ी।
कोट
एटीएम और बीटीएम के नौकरी छोड़ने की समस्या को देखते हुए जल्द ही दोबारा बहाली निकाली जाएगी। -गणेश राम,निदेशक,बामेती