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अल्पसंख्यकों को आसानी से नहीं मिल रहा ऋण

राज्य के अल्पसंख्यकों को ऋण देने में बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है। निगम अपने लक्ष्य के अनुरूप ऋण वितरण नहीं कर पा रहा है। इससे अल्पसंख्यक समाज के युवाओं को...

अल्पसंख्यकों को आसानी से नहीं मिल रहा ऋण
हिन्दुस्तान टीम,पटनाWed, 22 Nov 2017 06:32 PM
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राज्य के अल्पसंख्यकों को ऋण देने में बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है। निगम अपने लक्ष्य के अनुरूप ऋण वितरण नहीं कर पा रहा है। इससे अल्पसंख्यक समाज के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की प्रक्रिया धीमी पड़ गई है। निगम को मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना के तहत स्वरोजगार के लिए आवेदकों को छोटे-छोटे ऋण उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी दी गई है।

बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को मुर्गीपालन, दुग्ध उत्पादन, छोटे-छोटे दुकानों के संचालन, सूक्ष्म एवं कुटीर उद्योग लगाने को ऋण उपलब्ध कराने में फिसड्डी साबित हो रहा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सुशासन के कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना वित्तीय वर्ष 2012-13 में पांच वर्षों के लिए बनायी गयी थी। इसमें प्रतिवर्ष 25 करोड़ की पूंजी कराई जानी थी। वर्ष 2016-17 में सात हजार लाभार्थियों को ऋण देने का लक्ष्य था, किंतु अबतक मात्र 460 को ही ऋण दिया गया है।

पांच प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर दिया जाना है ऋण

योजना के तहत पांच प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर वैसे अल्पसंख्यक युवाओं को ऋण दिया जाना है, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय दो लाख से अधिक नहीं है। इस योजना के तहत अधिकतम पांच लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराने का प्रावधान है। जो ऋणधारकों से 20 समान त्रैमासिक किस्तों में अर्थात पांच वर्षों में वसूल किया जाना है।

2012 से 2015-16 तक 8743 को मिला है ऋण : सूत्रों ने बताया कि इस योजना के तहत 2012-13 से 2015-16 तक 8743 आवेदकों को ऋण उपलब्ध कराया गया है। इनके बीच 89.96 करोड़ रुपये ऋण के रूप में वितरित किए गए हैं।

अल्पसंख्यक समाज के युवाओं को स्वरोजगार के लिए विशेष पहल कर ऋण सुविधा मुहैया करायी जाएगी।

- अरशद अजीज, प्रबंध निदेशक, राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम

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