शहादत को सलाम: शहीद जब तू तिरंगे में लिपटा आया तो जमाना रोया
शहीद संजय अमर रहें..भारत माता की जय..गर्व के साथ नारे लगाने वालों का चेहरा गमगीन था तो उनके चेहरे पर आक्रोश भी बखूबी दिखा। मसौढ़ी के तारेगना मठ स्थित हवलदार संजय सिन्हा की शहादत के बाद उनको अंतिम...
शहीद संजय अमर रहें..भारत माता की जय..गर्व के साथ नारे लगाने वालों का चेहरा गमगीन था तो उनके चेहरे पर आक्रोश भी बखूबी दिखा। मसौढ़ी के तारेगना मठ स्थित हवलदार संजय सिन्हा की शहादत के बाद उनको अंतिम सलामी देने को हर चेहरा बेताब था। वहीं, पाकिस्तान के प्रति भी लोगों में जबर्दस्त आक्रोश दिखा। पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे के साथ इमरान खान मुर्दाबाद के स्वर पटना से मसौढ़ी के तारेगना मठ तक गूंजे। एयरपोर्ट से 11 बजे शहीद संजय का पार्थिव शरीर तारेगना मठ के लिए ले जाया गया। दो घंटे के सफर के बाद मसौढ़ी प्रखंड सह अंचल कार्यालय में करीब 30 किमी की यात्रा में शहीद संजय सिन्हा को जगह जगह श्रद्धांजलि दी गई।
11 बजकर 54 मिनट पर अंतरराष्ट्रीय प्रथम पिंडदान स्थल पुनपुन के सामने लोगों ने श्रद्धांजलि दी। दोपहर 12:05 मिनट पर पोठही में सड़क किनारे हजारों लोगों ने खड़े होकर श्रद्धांजलि दी। पोठही स्टेशन पर लाउडस्पीकर से शहीद के सम्मान में नारे लगाए गए। 12:21 पर नीमा हाल्ट और 12:29 पर नदवां में सैकड़ों लोगों ने श्रद्धांजलि दी। 12 बजकर 52 मिनट पर शहीद का पार्थिव शरीर मसौढ़ी के व्यवहार न्यायालय में पहुंचा। इसके बाद 12:58 में मसौढ़ी प्रखंड कार्यालय पहुंचा। यहां से पार्थिव शरीरउनके घर के लिए ले जाया गया। विशेष वैन पर केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव समेत सीआरपीएफ के अधिकारी भी सवार होकर उनके घर तक पहुंचे।
प्रखंड कार्यालय से शहीद के घर तक निकाली गई शवयात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। शहीद के घर पर दोपहर डेढ़ बजे पार्थिव शरीर पहुंचा। शहीद संजय का बेटा सोनू, दोनो बेटियां और पत्नी समेत परिवार के लोग शव वाहन को देखते ही मार रोने लगे। घर के सामने बनाए गए चबूतरे पर शव को उतारने के बाद आम से लेकर खास सैकड़ों लोगों ने श्रद्धांजलि दी। यहां सलामी देने के बाद मसौढ़ी बाजार में नगर भ्रमण हुआ। अपने वीर सपूत को श्रद्धांजलि देने के लिए दुकानदारों ने भी दुकान बंद रखीं। स्कूलों में छुट्टी कर दी गई थी। दोपहर दो बजकर 10 मिनट पर शव नगर भ्रमण करते हुए फतुहा के त्रिवेणी घाट के लिए निकल गया।
51 मीटर तिरंगे को छतरी बना मसौढ़ी लाया था शहीद का पार्थिव शरीर : मसौढ़ी के सैकड़ों युवक 51 मीटर तिरंगे की छतरी बना बाइक पर सवार होकर व पैदल 15 किलोमीटर की दूरी तय कर डुमरी पहुंचे। वहां से पार्थिव शरीर के साथ नगर भ्रमण में शामिल हुए। मसौढ़ी गांधी मैदान में श्रद्धांजलि सभा हुई।
धन्य हुआ त्रिवेणी घाट, बेटे ने दी पिता को मुखाग्नि
पटना सिटी। फतुहा के त्रिवेणी घाट पर शाम के छह बजकर पचास मिनट पर शहीद संजय कुमार सिन्हा का पार्थिव शरीर लाया गया। शहीद के बेटे सोलह वर्षीय सोनू ने पिता के शव को मुखाग्नि दी। मौके पर रविशंकर प्रसाद, रामकृपाल यादव, सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव, कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, आरके सिन्हा, राणा रणधीर सिंह, कांग्रेस के कौकब कादरी ने शहीद संजय को श्रद्धांजलि अर्पित की। बेटे पर गर्व, पाक को सबक सिखाए सरकार : महेंद्र मसौढ़ी। बेटे शहीद संजय कुमार सिन्हा की शहादत पर उनके पिता महेंद्र सिंह को नाज है। वे कहते हैं कि उन्हें सरकार से इस घटना में शामिल आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को ऐसी सबक सिखाने की उम्मीद है, ताकि फिर कभी कोई भारत व उसके वीर सपूतों की ओर नजर उठाने की हिमाकत न कर सके।
विमान आते ही भारत माता की जय से गूंजा एयरपोर्ट
वैसे तो पटना एयरपोर्ट पर हमेशा विमानों के उतरने और उड़ने का सिलसिला जारी रहता है, लेकिन शनिवार की सुबह खास थी। लगभग एक हजार की संख्या में पुलिसकर्मी, अधिकारी, नेता व मीडियाकर्मी उस विमान की लैंडिंग की प्रतीक्षा में थे, जिस पर भागलपुर के रतन ठाकुर व मसौढ़ी के संजय सिन्हा का पार्थिव शरीर आना था। लगभग दस बजे सेना का विमान जैसे ही शव लेकर रनवे पर उतरा। एयरपोर्ट और स्टेट हैंगर में मौजूद लोग भारत माता की जय, शहीद जवान अमर रहे के नारे लगाने लगे।
बेटियां हुईं बेहोश
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बाहर से श्रद्धाजंलि दिए जाने की बात बताए जाने पर बेटियां बेहोश हो गईं। जिसे किसी तरह संभाल कर घर तक पहुंचाया गया। मौके पर पूरे तारेगना मठ गांव में मातमी स्थिति बनी रही। हर किसी के आंखें डबडबाई दिख रही थी। उधर, शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचते ही मसौढ़ी स्वत:स्फूर्त बंद रही।
आखिरी बार बेटी बड़ी रूबी को पकड़कर खूब रोए थे संजय
सी महीने तो आये थे संजय। आठ फरवरी को ही श्रीनगर के लिए रवाना हुए थे। जाते वक्त पता नहीं क्यों वे खूब रोए थे। अपनी बड़ी बेटी रूबी (21 वर्ष) को बांहों में भरकर फफक कर जी-भर रोए थे। ये बातें शहीद संजय के घर से ठीक सटे घर की मंजू देवी ने बताईं। 45 वर्षीया मंजू ने बताया कि जाने के पहले कह रहे थे पता नहीं, अगली बार आऊं या नहीं। शायद उन्हें अहसास हो गया था कि वे अपनी माटी में नहीं लौटेंगे।
विशेष विमान में आई गड़बड़ी
पुलवामा में शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर लेकर शनिवार को पटना एयरपोर्ट पहुंचे वायुसेना के विशेष विमान में अचानक तकनीकी गड़बड़ी आ गई। इस वजह से कोलकाता, रांची, गुवाहाटी व भुवनेश्वर के शहीदों के पार्थिव शरीर विशेष विमान से भेजे गए। देर शाम तक वायुसेना का विशेष विमान पटना में ही खड़ा रहा।
तकनीकी कारणों से चेक नहीं दिया गया
संजय के पार्थिव शरीर के साथ मसौढ़ी पहुंचे जिलाधकारी कुमार रवि ने बताया कि शहीद की विधवा के नाम में तकनीकी त्रुटि के कारण 11 लाख चेक नहीं दिया जा सका। लोगों द्वारा संजय के गांव तक पक्का संपर्क मार्ग बनाने की मांग पर उन्होंने उसे पूरा करने का आश्वासन दिया। लोगों द्वारा शहीद संजय के नाम पर स्मारक बनाने की मांग पर उन्होंने एसडीओ को जगह का चयन करने को कहा।