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सिनौली उत्खनन में महाभारत रथ और ऐन्टेना तलवार मिली थी

फेसेस, बिहार म्यूजियम और बिहार पुराविद परिषद की ओर से आयोजित फेसेस हेरिटेज फेस्टिवल के दूसरे दिन बिहार म्यूजियम में भारतीय संस्कृति और विरासत विषय...

सिनौली उत्खनन में महाभारत रथ और ऐन्टेना तलवार मिली थी
हिन्दुस्तान टीम,पटनाMon, 25 Oct 2021 05:00 PM
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फेसेस, बिहार म्यूजियम और बिहार पुराविद परिषद की ओर से आयोजित फेसेस हेरिटेज फेस्टिवल के दूसरे दिन बिहार म्यूजियम में भारतीय संस्कृति और विरासत विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हुआ। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण नई दिल्ली के संयुक्त महानिदेशक डॉ. संजय कुमार मंजुल ने सिनौली भारतीय पुरातत्व की एक महत्वपूर्ण खोज विषय पर व्याख्यान दिया।

उन्होंने उत्तर प्रदेश के सिनौली में हुए उत्खनन का विस्तृत विवरण स्लाइड शो के माध्यम से प्रस्तुत किया और बताया कि इस उत्खनन से महाभारत कालीन रथ और ऐन्टेना तलवार प्राप्त हुई। इससे यह प्रमाणित होता है कि दो हजार ईसा पूर्व के आसपास भारत में अश्व और रथ मौजूद थे, जो कि महाभारत काल हो सकता है। इस खोज ने यह साबित किया अश्वारोही आर्य भारतीय थे और बाहर से नहीं आये थे। सिनौली से प्राप्त पुरातात्विक अवशेष वैदिक वर्णनों को प्रमाणित करते हैं। वैदिक साहित्य कल्पना नहीं बल्कि तथ्य आधारित है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. गौतमी भट्टाचार्य ने 2018-19 में बिहार केसरिया में हुए उत्खनन में प्राप्त महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानकारी दी। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के पूर्व अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. डी एन सिन्हा ने भारतीय विरासतों के संरक्षण और डॉ. रत्नेश्वर मिश्र ने भारतीय संस्कृति की विशेषता पर व्याख्यान दिया।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक डॉ. उमेश चन्द्र द्विवेदी ने भारतीय टेराकोटा क्या लोक कला थी, विषय पर व्याख्यान दिया। फेसेस की सचिव सुनिता भारती ने दृश्य श्रव्य माध्यमों से विरासत के ज्ञान का प्रसार विषय पर व्याख्यान दिया। इसमें विभिन्न विद्यालयों के लगभग 50 छात्र और सौ अभिभावक और शोधार्थियों ने भाग लिया। इस आयोजन के बाद छात्रों के बीच एक लिखित क्विज का आयोजन किया गया। मौके पर बिहार पुराविद परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. चितरंजन प्रसाद सिन्हा, डॉ. रत्नेश्वर मिश्र, लेखक डॉ. कामेश्वर प्रसाद मौजूद थे।

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