ओम सिद्धिदात्राये मां ब्रह्मचारिणी नम:..सर्वमंगलमांग्लये शिवे सर्वार्थसाधिके शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तु ते...शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणी नमोस्तु ते...वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सोमवार को मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गयी। माता को फल, मेवा का भोग लगाया गया। भीषण जलजमाव से जूझ रहे श्रद्धालुओं ने माता को प्रसन्न करने के लिए दुर्गासप्तशती का पाठ किया। अहले सुबह से ही घरों,मंदिरों और पूजा पंडालों में दुर्गसप्तशती के श्लोक गूंजने लगे थे, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।
धूप,दीप, गुगुल, अगरबत्ती की सुगंध से वातावरण सुवासित होता रहा। लगा मखाना खीर, पंचमेवा, मिश्री का भोग ब्रह्मा का अनुशरण करने वाली और कठोर साधना की प्रतीक माता ब्रह्मचारिणी विद्यार्थियों और साधकों के लिए खास कृपा बरसाने वाली देवी हैं। शहर के तमाम पूजा पंडालों, मंदिरों और घरों में स्थापित कलश और जयंती की पूजा पंडितों की अगुआई में हुई। मां ब्रह्मचारिणी को आक के फूल, धतूरे के फल, केले व कनेल के फूल व फल अर्पित किए गए। ज्योतिषाचार्य प्रियेन्दु प्रियदर्शी के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी इन फूलों के अर्पण से अति प्रसन्न होती हैं और मनोवांक्षित फलों की प्राप्ति होती है।
माता ब्रह्मचारिणी को मखाना खीर और पंचमेवा के साथ पंचामृत, मिश्री और चीनी से बनी चीजों का भोग लगाया गया। डाकबंगला चौराहा पर बनारस के पंडित आचार्य पुरुषोत्तम व श्रीकृष्णापुरी पूजा पंडाल में बनारस के पंडित आचार्य शशिकांत शास्त्री के नेतृत्व माता ब्रह्मचारिणी की पूजा हुई। श्रद्धालुओं ने कमलगट्टे पर बीजमंत्र के जाप भी किए। मान्यता है कि इससे माता कुंवारी कन्याओं और युवकों को मनोवांक्षित फल देती हैं। पंचामृत, मिश्री का दान करने से माता लंबी आयु देती हैं।
इन पूजा पंडालों में दुर्गापूजा
शहर के बैंकमेंस कॉलोनी, आरएमएस कॉलोनी, मछुआ टोली, अमरूदी मोहल्ला, अमरूदी गली, गोविंद मित्रा रोड, रूकनपुरा, जलेश्वर महादेव मंदिर कंकड़बाग, पंचमंदिर कंकड़बाग, पंचरुखी हनुमान मंदिर बोरिंग कैनाल रोड, नंदगांव बेली रोड, आनन्दपुरी, न्यू पाटलिपुत्र पानी टंकी मोड़, यारपुर, गर्दनीबाग, पटेलनगर, रामनगरी मोड़, आशियाना नगर कॉलोनी, एजी कॉलोनी, लोहानीपुर, कदमकुआं, मलाही पकड़ी, गोलघर चौराहा सहित सैकड़ों पूजा पंडालों में माता के दूसरे स्वरूप की पूजा की गयी।
धन-सौभाग्य की देवी चंद्रघंटा की पूजा आज
नवरात्र के तीसरे दिन मंगलवार को माता के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा अर्चना की जाएगी। भगवान शिव की अति प्यारी मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना से दुष्ट शक्तियों का नाश और धन-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मां चंद्रघंटा को चावल के लावा का खीर, मुनक्का का भोग लगाया जाएगा। दूध से बनी चीजों के भोग व दान करने से दुखों से निजात मिलती है।