ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार पटनाविद्युत भवन में प्रदर्शन कर रहे बिजलीकर्मियों पर लाठीचार्ज

विद्युत भवन में प्रदर्शन कर रहे बिजलीकर्मियों पर लाठीचार्ज

राजधानी पटना के बेली रोड स्थित आयकर गोलंबर और उसके आसपास का इलाका सोमवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। विद्युत कंपनी के निजीकरण के प्रस्ताव का यहां विरोध कर रहे इंजीनियर व कर्मियों की पुलिसकर्मियों...

राजधानी पटना के बेली रोड स्थित आयकर गोलंबर और उसके आसपास का इलाका सोमवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। विद्युत कंपनी के निजीकरण के प्रस्ताव का यहां विरोध कर रहे इंजीनियर व कर्मियों की पुलिसकर्मियों...
1/ 2राजधानी पटना के बेली रोड स्थित आयकर गोलंबर और उसके आसपास का इलाका सोमवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। विद्युत कंपनी के निजीकरण के प्रस्ताव का यहां विरोध कर रहे इंजीनियर व कर्मियों की पुलिसकर्मियों...
राजधानी पटना के बेली रोड स्थित आयकर गोलंबर और उसके आसपास का इलाका सोमवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। विद्युत कंपनी के निजीकरण के प्रस्ताव का यहां विरोध कर रहे इंजीनियर व कर्मियों की पुलिसकर्मियों...
2/ 2राजधानी पटना के बेली रोड स्थित आयकर गोलंबर और उसके आसपास का इलाका सोमवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। विद्युत कंपनी के निजीकरण के प्रस्ताव का यहां विरोध कर रहे इंजीनियर व कर्मियों की पुलिसकर्मियों...
हिन्दुस्तान टीम,पटनाMon, 27 Jan 2020 07:02 PM
ऐप पर पढ़ें

राजधानी पटना के बेली रोड स्थित आयकर गोलंबर और उसके आसपास का इलाका सोमवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। विद्युत कंपनी के निजीकरण के प्रस्ताव का यहां विरोध कर रहे इंजीनियर व कर्मियों की पुलिसकर्मियों से झड़प हो गई। प्रदर्शन उग्र होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसमें छह से अधिक कर्मी घायल हो गए, जिनमें कर्मी भी शामिल हैं।

पुलिस के जवानों को भी चोट आई हैं। करीब एक घंटे तक चले ड्रामे के कारण आसपास के इलाके में यातायात व्यवस्था घंटों अस्त-व्यस्त रही। मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस विभाग के वरीय पदाधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारी भी वहां पहुंच गये। इससे पहले सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस की तैनाती वहां की गयी थी। प्रदर्शन के दौरान कई थानों की पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स भी वहां पहुंच गयी। पुलिस ने इनको पहले समझाया कि वह यहां प्रदर्शन न करें। आवागमन प्रभावित हो रहा है। दरअसल, विद्युत कामगार पदाधिकारी अभियंता संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कई जिलों से बिजली इंजीनियर, कामगार और कर्मचारी-पदाधिकारी सुबह नौ बजे से ही बिजली कंपनी के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में बेली रोड विद्युत भवन के पास जुटने लगे। इनमें पावर सर्विस इंजीनियर एसोसिएशन (पेसा), पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन (पेजा) सहित कामगार और कर्मचारी संगठनों के सदस्य शामिल थे। 11 बजते-बजते इनकी संख्या चार-पांच हो गई। इसके बाद ये लोग केंद्र सरकार के बिजली की निजीकरण नीतियों का विरोध करने लगे। इससे यातायात प्रभावित होने लगा। पुलिस ने प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन करने से रोका मगर वह नहीं माने। एक बार तो वे चले गए, मगर दोबारा उग्र होने लगे। इस पर दोनों ओर से तनातनी बढ़ गयी। अनुमंडल पदाधिकारी भी पहुंचीं मौके परराजधानी के विद्युत भवन कर्मी व अभियंता भी विद्युत भवन में विरोध जताते रहे। इसको लेकर अनुमंडल पदाधिकारी कुमारी अनुपमा सिंह भी वहां पहुंचीं। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे कर्मियों को काम पर जाने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं माने। इस पर उन्होंने पुलिस को प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए कहा। कर्मियों ने कहा-चली हमारी नौकरी विद्युत विभाग के कई कर्मियों ने कहा कि अगर सरकार निजीकरण करेगी तो हमारी नौकरी जा सकती है। कम पैसों पर उन्हें कर्मी मिल जायेंगे तो हमारी जरूरत क्या होगी। महिला कर्मियों ने भी कहा कि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे मगर लाठियां चलने पर हमारे साथ कार्य कर रहे कर्मी घायल हो गये। जब विभाग बंद था तो हम बाहर खड़े होकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। भ्रम फैलाया गयासिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र भारती ने भी विद्युत भवन पहुंच मामले को शांत करने की कोशिश की। उनकी मानें तो यहां कर्मियों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा था। यह प्रतिबंधित इलाका है। यहां प्रदर्शन करने से लोगों को असुविधा हो रही थी।लाठीचार्ज की भर्त्सना ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन के संरक्षक ई. बीएल यादव ने बिजलीकर्मियों पर पुलिस लाठीचार्ज की कड़ी भर्त्सना की है। बिहार स्टेट इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एसोसिएशन के महामंत्री संजीव कुमार शर्मा ने भी लाठीचार्ज की निंदा की है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें