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एसीपी के लिए सिपाहियों का हिन्दी परीक्षा पास होना अनिवार्य नहीं

बिहार पुलिस के सिपाहियों के लिए राहत भरी खबर है। सिपाही रहते वित्तीय उन्नयन (एसीपी) के लिए हिन्दी की परीक्षा पास होना अनिवार्य नहीं है। इसपर पिछले कई दिनों से बनी संशय की स्थिति को पुलिस महानिदेशक...

एसीपी के लिए सिपाहियों का हिन्दी परीक्षा पास होना अनिवार्य नहीं
हिन्दुस्तान टीम,पटनाSun, 16 Sep 2018 06:14 PM
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बिहार पुलिस के सिपाहियों के लिए राहत भरी खबर है। सिपाही रहते वित्तीय उन्नयन (एसीपी) के लिए हिन्दी की परीक्षा पास होना अनिवार्य नहीं है। इसपर पिछले कई दिनों से बनी संशय की स्थिति को पुलिस महानिदेशक पर्षद (डीजीपी बोर्ड) ने स्पष्ट कर दिया है। साथ ही इससे संबंधित गाडइलाइन भी जारी कर दी गई है।

सिपाही के एसीपी और सालाना मिलनेवाले इंक्रीमेंट को लेकर जवानों के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी थी। संशय यह था कि सिपाहियों को इसका लाभ तभी मिलेगा जब वह नौकरी में आने के बाद हिंदी की परीक्षा पास कर गए हैं। इसके बाद पुलिस महानिदेशक पर्षद की बैठक हुई। पर्षद की बैठक में पूर्व के आदेश और नियमों का हवाला देते हुए साफ किया गया कि यह जरूरी नहीं है। सिपाही को एसीपी का लाभ बगैर इसके मिल सकता है। यदि वह एसीपी के हकदार हो गए हैं और उन्होंने हिंदी भाषा की परीक्षा पास नहीं की है तो भी उन्हें इसका लाभ मिलेगा।

नोटिंग व ड्राफ्टिंग नहीं करनी पड़ती

सिपाही, पुलिसिंग की मजबूत कड़ी होते हैं पर उन्हें अनुसंधान या लिखने-पढ़ने के काम में नहीं लगाया जाता है। सिपाही जब पीटीसी की ट्रेनिंग पूरा कर सहायक अवर निरीक्षक (एएसआई) बनते हैं तो उन्हें नोटिंग और ड्राफ्टिंग का काम भी करना पड़ता है। ऐसे में हिंदी विषय में उनका पास होना जरूरी है। यही वजह है कि बोर्ड ने इसपर भी स्थिति साफ कर दी है। एएसआई के लिए हिंदी भाषा की परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी है तभी उन्हें एमएसीपी आदि का लाभ दिया जाएगा। परीक्षा पास करने की तिथि से ही इसका लाभ मिलेगा।

राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित होती है परीक्षा

राज्य सरकार के कर्मियों के लिए राजभाषा विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष हिंदी विषय की परीक्षा आयोजित की जाती है। कर्मी अपनी सुविधा के अनुसार इस परीक्षा में सम्मलित हो सकते हैं। इस परीक्षा को पास करने पर उन्हें कई तरह की सहूलियत मिलती है।

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