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उच्च तकनीकी शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाना जरूरी : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि उच्च तकनीकी और वैज्ञानिक संस्थानों में बेटियों की संख्या बढ़ाया जाना अनिवार्य है। राष्ट्रपति के नाते देश के 150 विश्वविद्यालयों व शैक्षिक संस्थानों में विजिटर हूं,...

उच्च तकनीकी शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाना जरूरी : राष्ट्रपति
पटना-समस्तीपुर। हिन्दुस्तान टीम Thu, 15 Nov 2018 08:12 PM
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि उच्च तकनीकी और वैज्ञानिक संस्थानों में बेटियों की संख्या बढ़ाया जाना अनिवार्य है। राष्ट्रपति के नाते देश के 150 विश्वविद्यालयों व शैक्षिक संस्थानों में विजिटर हूं, विद्यार्थियों से अधिकाधिक संवाद की कोशिश करता हूं। प्राय: सभी संस्थानों में एकेडमिक परफार्मेंश बहुत प्रभावशाली है लेकिन टेक्नालाजी संस्थानों में उनकी संख्या बहुत कम है। इस स्थिति में सुधार लाना अत्यंत आवश्यक है। राष्ट्रपति गुरुवार को ज्ञान भवन में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (एनआईटी) पटना के 8वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। एनआईटी पटना के समारोह में राष्ट्रपति ने आठ नौजवानों को पदक प्रदान किये। 

इससे पहले पूसा (समस्तीपुर) में गुरुवार को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने कृषि वैज्ञानिकों व छात्रो से देश की आबादी, खेती लायक जमीन और जल संसाधन को ध्यान में रखते हुए कम से कम जमीन और पानी के इस्तेमाल से अधिकाधिक पैदावार का आह्वान किया। 

राष्ट्रपति ने कहा कि एनआईटी के इंजीनियर पूसा के कृषि वैज्ञानिकों के साथ मिलकर शोधकार्य करें और किसानों के साथ सहयोग करें। तकनीक में हो रहे बदलाव आज इंजीनियरिंग के पारंपरिक स्वरूप को चुनौती दे रहे हैं। आज वही देश तरक्की कर रहे हैं जो इनोवेशन और नई तकनीक को तवज्जो दे रहे हैं। 

पूसा में दीक्षांत समारोह में कहा कि हमें विज्ञान सम्मत कृषि परंपराओं और आधुनिक तकनीक का समन्वय करते हुए आगे बढ़ना होगा। बीज से बाजार तक पूरी प्र्त्रिरया में इनोवेशन के अपार अवसर हैं। इनोवेशन का उपयोग करके आप सभी विद्यार्थी देश के कृषि विकास में अपना योगदान दे सकते हैं। केंद्र और राज्य सरकारों ने कृषि और कृषि पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाओं की शुरुआत की है। इन कार्यक्त्रमों का बेहतर लाभ उठाकर आपको कृषि आधारित स्वरोजगार शुरू करना चाहिए। 

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