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आयरन की कमी बच्चों की क्षमता को करती है प्रभावित : क्रेमर

गोट्टिंगेन विश्वविद्यालय, जर्मनी की डॉ. मारिअन क्रेमर ने कहा कि बच्चों में आयरन की कमी उनके ज्ञान के विकास, सीखने की क्षमता एवं उनके आगे के जीवन की उत्पादकता पर लंबे समय तक नकारात्मक प्रभाव डालती है।...

आयरन की कमी बच्चों की क्षमता को करती है प्रभावित : क्रेमर
हिन्दुस्तान टीम,पटनाThu, 21 Dec 2017 09:00 PM
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गोट्टिंगेन विश्वविद्यालय, जर्मनी की डॉ. मारिअन क्रेमर ने कहा कि बच्चों में आयरन की कमी उनके ज्ञान के विकास, सीखने की क्षमता एवं उनके आगे के जीवन की उत्पादकता पर लंबे समय तक नकारात्मक प्रभाव डालती है। भारतीय बच्चों में आयरन की कमी बड़े पैमाने पर पाई जाती है। डॉ. क्रेमर गुरुवार को आद्री में ‘स्कूल फीडिंग: आयरन-फोरटिफाइड साल्ट एंड चाइल्ड कॉग्नीटिव एबिलिटी विषयक सेमिनार में बोल रही थीं।

स्कूलों में मध्याह्न भोजन देने के नवाचार चैनल के माध्यम से भारतीय बच्चों के बीच पड़ने वाले प्रभावों पर उन्होंने प्रयोगात्मक साक्ष्य प्रस्तुत किया। प्राथमिक स्कूल के बच्चों में एनीमिया, संज्ञानात्मक क्षमता और सीखने के परिणाम को उन्होंने दर्शाया। उन्होंने पाया कि इस उपचार ने हिमोगलोबिन का स्तर बढ़ाया, परंतु सीखने के परिणाम में कोई सुधार नहीं हुआ। मुख्य अतिथि शिक्षा विभाग के सचिव आरएल चोंग्थू ने कहा कि डॉ. क्रेमर का अध्ययन भविष्य के नीति निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण है। इस अध्ययन की अनुशंसाओं को बिहार सरकार मध्याह्न भोजन कार्यक्रम में शामिल करने पर विचार करेगी। आद्री के सदस्य-सचिव डॉ. शैबाल गुप्ता तथा डॉ. सुनीता लाल ने भी सुझाव दिए। पूर्व में सेन्टर फॉर हेल्थ पॉलिसी के निदेशक डॉ. बासुदेव गुहा ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. विकास केसरी ने भी परिचर्चा में विचार रखे। डॉ. अरुंधति ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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