महंगाई की मार: महीनेभर में 15 रुपये किलो तक महंगी हुई दाल, टमाटर भी दोगुना महंगा
दाल की फसल कमजोर होने और आयात के कड़े नियमों के चलते दालों के दाम आसमान छूने लगे हैं। महीनेभर पहले 72 रुपये बिकने वाली अरहर दाल प्रति किलो 15 से 18 रुपये तक महंगी हो गई है। वहीं, मसूर दाल व चना दाल...
दाल की फसल कमजोर होने और आयात के कड़े नियमों के चलते दालों के दाम आसमान छूने लगे हैं। महीनेभर पहले 72 रुपये बिकने वाली अरहर दाल प्रति किलो 15 से 18 रुपये तक महंगी हो गई है। वहीं, मसूर दाल व चना दाल की कीमतें भी तेजी से बढ़ी हैं।
बिहार राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ के महामंत्री नवीन कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा आयात शुल्क में 30 फीसदी की बढ़ोतरी करने से महीनेभर में कीमतें बढ़ गई हैं। इससे दाल की आवक कम हो गई है। बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश तलरेजा ने बताया कि अरहर दाल की बढ़िया क्वालिटी में से एक फुल क्वालिटी एक महीने पहले खुदरा में 80 रुपये किलो मिलती थी, लेकिन इसकी कीमत बढ़कर 95 से 100 रुपये हो गई है। वहीं, 70 रुपये में बिकने वाली पुखराज प्रीमियम दाल ने महीनेभर में 90 का आंकड़ा छू लिया है। उड़द की दाल, मसूर दाल हो या खरा चना, सबके भाव में उछाल आ गई है, जिससे आम आदमी पर महंगाई की मार पड़ रही है। दाल कारोबारियों ने बताया कि महीनेभर पहले मसूर की खुदरा कीमत 55 रुपये थी, जो अब बढ़कर 60 रुपये हो गई है। वहीं, खरा चने का दाम खुदरा में 52 रुपये किलो से बढ़कर 60 रुपये किलो हो गया है।
इसलिए बढ़ीं कीमतें
मंसूरगंज मंडी के थोक कारोबारी अजय कुमार ने बताया कि देश के विभिन्न प्रांतों मसलन यूपी, मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र में दलहन की फसल कमजोर होने व आयात शुल्क बढ़ने के कारण विदेशी दालों का आयात नहीं हो पा रहा है। महीनेभर पहले थोक में 68-69 रुपये प्रति किलो बिकने वाली अरहर दाल मंगलवार को मंडी में 84 रुपये किलो बिकी।
लहसुन भी महंगा
राजधानी में लहसुन व टमाटर की कीमतें भी तेजी से बढ़ी हैं। मीठापुर मंडी में लहसुन के थोक विक्रेता प्रवेश कुमार ने बताया कि एक महीने पहले थोक में लहसुन 20-25 रुपये किलो बिकता था, लेकिन इसकी कीमत मंगलवार को मंडी में 40 से 60 रुपये रही। वहीं, खुदरा में लहसुन की कीमत 100 रुपये पहुंच गया है। सब्जियों में सबसे अधिक महंगा टमाटर हो गया है। महीनेभर पहले खुदरा में 20 रुपये किलो बिकने वाले टमाटर की कीमत 40 से 50 रुपये हो गई है। टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह कम आवक व गर्मी से टमाटर का खराब होना है।