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हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : बिहार में होगा सभी तरह के नियोक्ताओं का पंजीकरण

लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में अप्रवासी बिहार लौट रहे हैं। अब उनके लिए यहीं श्रम के साधन जुटेंगे। राज्य सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। उद्योग विभाग का श्रम साधन पोर्टल प्रवासियों को...

हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : बिहार में होगा सभी तरह के नियोक्ताओं का पंजीकरण
हिन्दुस्तान टीम,पटनाWed, 20 May 2020 05:22 PM
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लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में अप्रवासी बिहार लौट रहे हैं। अब उनके लिए यहीं श्रम के साधन जुटेंगे। राज्य सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। उद्योग विभाग का श्रम साधन पोर्टल प्रवासियों को रोजगार दिलाने में खास भूमिका निभाएगा। तमाम विभागों, निगमों, एजेंसियों, ठेकेदारों को पत्र भेजकर उनसे पोर्टल पर पंजीकरण कराने को कहा गया है। निर्धारित प्रारूप पर पूरा ब्योरा भी देना होगा। मसलन काम की प्रस्तावित साइट कहां-कहां है, कितने कामगारों की जरूरत है, वेतन क्या होगा..आदि।

राज्य के 25 लाख से अधिक लोग दूसरे राज्यों में रोजगार कर रहे हैं। देशव्यापी लॉकडाउन ने इन कामगारों की मुश्किलें बढ़ा दीं। अब यह लाखों की संख्या में बिहार लौट रहे हैं। क्वारंटाइन केंद्रों में रखे जाने के साथ ही सरकार इनकी दक्षता का ब्योरा भी दर्ज कर रही है। सबकुछ ठीक रहा तो यह आश्रित, कल बिहार को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका भी निभा सकते हैं। इनके रोजगार की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार ने एनआईसी की मदद से पोर्टल विकसित किया है। इस पोर्टल पर सभी संभावित नियोक्ताओं का पंजीकरण कराया जा रहा है। नियोक्ताओं का दायरा बढ़ाने को श्रम विभाग में निबंधित ऐसे लोगों का भी पंजीकरण कराया जाएगा, जो नियोक्ताओं के लिए श्रमिकों का प्रबंध करते हैं।

हर प्रोजेक्ट की देनी होगी जानकारी

पोर्टल पर पंजीकरण के बाद नियोक्ता को अपने हर प्रोजेक्ट या साइट की पूरी जानकारी देनी होगी। बताना होगा कि उसे किस क्षेत्र में दक्षता वाले कामगार चाहिए। कितने कामगारों की जरूरत है। प्रोजेक्ट पर काम बीच में रुका हुआ है या अभी शुरू होना है। यदि नया प्रोजक्ट है तो काम कब से शुरू होगा। पुरुष कर्मी चाहिए या महिला।

नियोक्ता-कामगार के बीच सेतु बनेगी सरकार

इस पोर्टल के जरिए राज्य सरकार नियोक्ता और कामगारों के बीच सेतु का काम करेगी। नियोक्ताओं की जरूरत के हिसाब से उन्हें कुशल कामगारों से मिलवाने में सरकार मदद करेगी। स्किल मैपिंग के जरिए सभी श्रमिकों का जो डाटा बेस तैयार किया जा रहा है, उन्हीं लोगों को नियोक्ताओं की जरूरत के हिसाब से काम के लिए भेजा जाएगा। इस तरीके से काफी संख्या में अप्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिलने का रास्ता साफ होगा।

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