पटना हाईकोर्ट ने वित्त मंत्रालय एवं जीएसटी काउंसिल से क्यों किया जवाब-तलब, जानें
जीएसटी लानेवाले संविधान के 101वें संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन व न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की...
जीएसटी लानेवाले संविधान के 101वें संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन व न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के एडवोकेट अमित पांडे की रिट याचिका पर सुनवाई की और केंद्रीय वित्त मंत्रालय (राजस्व विभाग) एवं जीएसटी काउंसिल को पक्षकार बनाते हुए उन्हें जवाब देने के लिए नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।
याचिका में जीएसटी परिषद के गठन एवं जीएसटी को लागू करने के लिए संविधान के 101वें संशोधन कानून की उन दफाओं की वैधानिकता को चुनौती दी गयी है, जिसके तहत जीएसटी परिषद का गठन संविधान में संशोधित अनुच्छेद 279 -क के जरिये किया गया। याचिकाकर्ता ने जीएसटी परिषद की शक्तियों को न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र में दखल देने का आरोप लगाया है। आरोप लगाया गया कि केंद्र व राज्य सरकारों के बीच कर राजस्व बंटवारे में संविधान का जो संघीय ढांचा निहित है, उस पर उक्त जीएसटी परिषद के जरिये प्रहार किया जा रहा है। जीएसटी परिषद का गठन जीएसटी कानून को लागू करने के लिए है, लेकिन इससे राज्यों की विधायिका और न्यायपालिका की शक्तियों में दखलंदाजी हो रही है जो पूर्णतः असंवैधानिक है। हाईकोर्ट ने इन्हीं कानूनी बिंदुओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार व जीएसटी परिषद से जवाब-तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी।