पृथ्वीराज चौहान की वीरता की गाथा मंच पर
पहले मोहम्मद गोरी को हराया...फिर संयोगिता को उठा कर ले गया... संयोगिता के पिता जयचंद को विरोधी बनाया...फिर गोरी से टकराया...और आखिरकार खेल ऐसा रचा गया कि मोहम्मद गोरी को शब्दभेदी वाण से मार...
पहले मोहम्मद गोरी को हराया...फिर संयोगिता को उठा कर ले गया... संयोगिता के पिता जयचंद को विरोधी बनाया...फिर गोरी से टकराया...और आखिरकार खेल ऐसा रचा गया कि मोहम्मद गोरी को शब्दभेदी वाण से मार गिराया...पृथ्वीराज चौहान की इस वीरगाथा को कलाकारों ने मंच पर जीवंत करने की कोशिश की। कालिदास रंगालय में पृथ्वीराज चौहान पर केंद्रित ‘चार बांस चौबीस गज नाटक के साथ चार दिवसीय अखिल भारतीय ऐतिहासिक नाट्योत्सव का आगाज हो गया।
डॉ. चतुर्भुज की स्मृति में आयोजित इस नाट्योत्सव का कला संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने दीप जलाकर आगाज किया। पूर्णिया से आए शकुंतला सेवा सदन के कलाकारों ने मिथिलेश राय के निर्देशन में इसका मंचन किया। नाटक में दिखाया गया कि कैसे बार-बार हारने के बावजूद मोहम्मद गोरी हिन्दुस्तान पर आक्रमण करता रखा। आखिरकार पृथ्वीराज चौहान को बंधक बना लिया। यहां तक कि पृथ्वीराज को अंधा भी बना दिया, लेकिन कैद के दौरान एक खेल के समय चंदबरदाई ने दोहा पढ़ी- चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है, मत चुको चौहान...और शब्दभेदी वाण चलाने में माहिर पृथ्वीराज चौहान ने वाण चला दी। आगे पृथ्वीराज और चंदबरदाई ने भी अपनी लीला समाप्त कर ली। नाट्योत्सव में सुमित कुमार को चतुर्भुज रंग पत्रकारिता सम्मान 2017 से भी सम्मानित किया गया। कला संस्कृति मंत्री ने उन्हें सम्मानित किया। रविवार को ‘एंटीगॉन नाटक कोलकाता के कलाकार करेंगे।