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पॉलीथिन बैन पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई आज

अधिसूचना लागू नहीं होने के कारण राज्य के शहरी इलाकों में पॉलीथिन पर 24 सितंबर से प्रस्तावित रोक टल गई। वह भी तब, जब पटना हाईकोर्ट में सोमवार को ही इस पर सुनवाई होनी है। ऐसे में इसका हश्र भी वर्ष 2016...

पॉलीथिन बैन पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई आज
हिन्दुस्तान टीम,पटनाMon, 24 Sep 2018 01:02 AM
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अधिसूचना लागू नहीं होने के कारण राज्य के शहरी इलाकों में पॉलीथिन पर 24 सितंबर से प्रस्तावित रोक टल गई। वह भी तब, जब पटना हाईकोर्ट में सोमवार को ही इस पर सुनवाई होनी है। ऐसे में इसका हश्र भी वर्ष 2016 में लागू केंद्र सरकार के पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की तरह हो जाने की आशंका है।

इस बार वन एवं पर्यावरण विभाग, नगर विकास विभाग और प्रदूषण बोर्ड ने 11 अगस्त 2018 को राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध के लिए अधिसूचना का ड्राफ्ट जारी किया था। विभाग ने 30 दिनों का समय दिया था। इस दौरान लोगों के सुझाव और आपत्ति मांगी गई थी। इसमें कई लोगों ने पूर्ण प्रतिबंध तो कई ने 50 माइक्रोन से पतले पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था। जो भी दावा और आपत्ति आई है उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर अधिसूचना जारी करनी थी। हाईकोर्ट में सुनवाई आजराज्य में पॉलीथिन पर प्रतिबंध के मामले में सोमवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमआर शाह की खंडपीठ में पूर्ण प्रतिबंध पर निर्णय आना है। इससे पहले हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने शहरी इलाकों में 24 सितंबर से 50 माइक्रोन से पतले पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। हाईकोर्ट ने इसे देहात क्षेत्रों में भी लागू करने पर राय मांगी थी। इन्हीं बिंदुओं पर सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई है। अब राज्य सरकार की ओर से पॉलीथिन पर प्रतिबंध संबंधी अधिसूचना जारी नहीं होने के कारण हाईकोर्ट के रुख पर सबकी नजरें टिक गई हैं। दो साल पहले लगी थी रोक1986 के अधिनियम के तहत वर्ष 2016 में 50 माइक्रोन से पतले पॉलीथिन पर रोक लगाई जानी थी। सभी नगर निकायों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करना था। इसके तहत पॉलीथिन विक्रेता को नगर निगम से लाइसेंस लेना था, लेकिन आज तक किसी विक्रेता ने शुल्क जमा कर लाइसेंस नहीं लिया। न ही राज्य के किसी अन्य नगर निकाय में यह कारगर ढंग से लागू हो पाया। दो साल बाद भी स्थानीय नगर निगम आज तक इस नियमावली लागू नहीं कर पाए हैं। पटना सहित कई इलाकों में 50 माइक्रोन से पतले पॉलीथिन का उत्पादन भी धड़ल्ले से हो रहा है।

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