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हर साल छठ व्रतियों के लिए मुफ्त में पिसाई करते हैं गेहू व चावल

छठ महापर्व में हर कोई अपनी तरफ से सेवा करने को आगे रहते हैं। हर कोई अपना सहयोग देना चाहता है। अब चाहे फल और पूजन सामग्री बंटवारे की बात हो या गेहूं और चावल का आटा तैयार करने का मौका...

हर साल छठ व्रतियों के लिए मुफ्त में पिसाई करते हैं गेहू व चावल
पटना। कार्यालय संवाददाता Mon, 12 Nov 2018 07:26 PM
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छठ महापर्व में हर कोई अपनी तरफ से सेवा करने को आगे रहते हैं। हर कोई अपना सहयोग देना चाहता है। अब चाहे फल और पूजन सामग्री बंटवारे की बात हो या गेहूं और चावल का आटा तैयार करने का मौका मिले। 

राजधानी में कई ऐसे चक्की मिल वाले हैं जो छठ महापर्व पर गेहूं और चावल की पिसाई मुफ्त करते है। इसमें उनकी कोई मन्नत पूरी होने जैसी बात नहीं बल्कि छठ महापर्व के प्रति आस्था और सहयोग की भावना है। 

किदवई पुरी स्थित आटा चक्की के मालिक संतोष कुमार पिछले 15 साल से छठ व्रतियों के लिए गेहूं और चावल की पिसाई का एक भी पैसा नहीं लेते हैं। संतोष कुमार ने बताया कि साल में एक बार यह छोटा सा सहयोग देने का मौका मुझे मिलता है। मैं 15 साल से छठ के लिए गेहूं और चावल की पिसाई के लिए पैसे नहीं लेता हूं। 

बोरिंग रोड स्थिति आटा चक्की के मालिक पवन कुमार पिछले दस साल से गेहू की पिसाई मुफ्त में करते हैं। पवन कुमार ने बताया कि कई लोग पैसे देने की जिद करते हैं। लेकिन हम नहीं लेते। कई लोग बिजली आदि के नाम पर पैसे थमा देते हैं। वहीं, एसके नगर स्थिति आटा चक्की के मनोज कुमार ने बताया कि छठ में सहयोग देने से काफी सुकून मिलता है। 

नहाय खाय से शुरू होती है गेहू की पिसाई 
नहाय खाय के दिन सभी मशीन की सफाई के साथ धुलाई की जाती है। उसके बाद नहाय खाय के शाम से देर रात तक आटा तैयार किया जाता है। एसके नगर स्थिति आटा चक्की के मालिक मनोज कुमार ने बताया कि नहाय खाय के दिन शाम छह बजे से पिसाई शुरू की गई। दस बजे रात तक पिसाई हुई। वहीं, खरना के दिन सुबह चार बजे से ही पिसना शुरू किया जो देर शाम तक चला। 

सात से आठ क्विंटल गेहूं की करते हैं पिसाई 
राजधानी के कई इलाकों में ऐसे आटा चक्की हैं जहां पर छठ के प्रसाद के लिए गेहूं की पिसाई को पैसे नहीं लिये जाते हैं। दो दिनों में लगभग सात से आठ क्विंटल गेहूं की पिसाई हो जाती है। इस दौरान आटा चक्की पर केवल छठ के लिए आटा तैयार किया जाता है। 

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