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नन बैंकिंग कंपनियों पर कसेगा सरकार का शिकंजा

नन बैंकिंग फाइनेंसिल कंपनियों के खिलाफ सरकार सख्त एक्शन लेने जा रही है। वैसे नन बैंकिंग कंपनियां जो नियमों को ताक पर रखकर धंधा कर रही हैं उनके खिलाफ एपआईआर दर्ज कराई जाएगी। जिला प्रशासन और जिला पुलिस...

नन बैंकिंग कंपनियों पर कसेगा सरकार का शिकंजा
हिन्दुस्तान टीम,पटनाTue, 05 Dec 2017 09:24 PM
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नन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करने जा रही है। वैसी नन बैंकिंग कंपनियां जो नियमों को ताक पर रखकर काम कर रही हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। जिला प्रशासन और जिला पुलिस बल की संयुक्त टीम अपने इलाके में सक्रिय नन बैंकिंग कंपनियों की छानबीन करेगी और मामला थोड़ा भी संदिग्ध होगा तो कार्रवाई होगी।

बीडीओ और थानेदार की संयुक्त टीम बनेगी

मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य स्तरीय समन्वय समिति (एसएलसी) की बैठक में नन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। इसमें आरबीआई के अधिकारियों के अलावा बिहार सरकार के आला अफसर और पुलिस के पदाधिकारी मौजूद थे। ईओयू की ओर से बताया गया कि नन बैंकिंग कंपनियों के सत्यापन के लिए कदम उठाया गया है। डीएम और एसपी को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि वह सभी नन बैंकिंग कंपनियों का सत्यापन कराएं। इसके लिए प्रखंड स्तर पर बीडीओ और थानेदार की संयुक्त टीम बनाई जाए। यह टीम सूचनाओं का संकलन कर ऐसी सभी कंपनियों के कामकाज के साथ उसके कागजात की जांच करे।

गड़बड़ी हुई तो करें एफआईआर

ईओयू ने अपने पत्र में अधिकारियों को कहा है कि कागजात की गहराई से जांच की जाए। यदि आरबीआई के नियम के तहत कंपनी काम कर रही है तो ठीक है, नहीं तो उसके खिलाफ तत्काल एफआईआर कराई जाए। यदि कागजात में कोई कमी है तो नियमानुसार जुर्माना लगाया जाए। इसके अलावा कंपनी की जानकारी तत्काल ऑनला0इन वेब पोर्टल पर अपलोड की जाए।

एसपी को जांच का मिल सकता है अधिकार

बिहार जमाकर्ताओं का हित एवं संरक्षण अधिनियम के तहत नन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी के संबंध में जांच का अधिकार कम से कम एडीएम रैंक के अफसर को है। एसपी को भी इस तरह का अधिकार दिया जाए, इसका प्रस्ताव ईओयू द्वारा राज्य सरकार को भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक आज की बैठक में आला अधिकारियों द्वारा आश्वस्त किया गया कि जल्द ही इस संबंध में निर्णय ले लिया जाएगा।

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