पंचायत राज कानून में किए गए संशोधन पर सरकार तलब
बिहार पंचायत राज कानून में किए गए नए संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली अर्जी पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत ने सरकार को दो सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है।...
बिहार पंचायत राज कानून में किए गए नए संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली अर्जी पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत ने सरकार को दो सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति डॉ. अनील कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की। आवेदक के वकील शशि भूषण कुमार मंगलम ने अदालत को बताया कि पंचायत राज्य कानून में अध्यादेश ला कर संशोधन किया है। उनका कहना था कि पंचायत के निर्वाचित सदस्यों का अधिकार पर अंकुश लगा सरकार अपने स्तर से विकास कार्य कराना चाहती है। जबकि पंचायत राज कानून में पंचायत का विकास करने का अधिकार निर्वाचित सदस्यों को दी गई है। अध्यादेश ला कर इस कानून की धारा 25 व 26 में संशोधन की गई है। जबिक नई धारा 170 ख एवं ग को जोड़ा गया है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि संशोधन हो जाने से सरकार ग्राम पंचायत को ग्राम पंचायत निधि से वार्ड के लिए अनुमोदित योजनाओं का क्रियान्वयन, वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के माध्यम से काराने के लिए निर्देश दे सकती है और वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति योजनाओं का क्रियान्वयन सरकार द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों को पालन करेगी। अदालत ने अध्यादेश जारी कर किए गए संशोधन पर सरकार को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया।