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बिहार में शिक्षा का गौरव लौट रहा है : वर्मा

शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुए कार्यों से शिक्षा के क्षेत्र में बिहार का पुराना गौरव लौट रहा...

बिहार में शिक्षा का गौरव लौट रहा है : वर्मा
हिन्दुस्तान टीम,पटनाThu, 07 Dec 2017 07:11 PM
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शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुए कार्यों से शिक्षा के क्षेत्र में बिहार का पुराना गौरव लौट रहा है। बिहार ने मानव क्षमता के विकास में बहुत योगदान दिया है। आर्यभट्ट ने यहीं से ‘शून्य की अवधरणा दी। आर्यभट्ट के सम्मान में राज्य सरकार ने आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी और चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना की है।

शिक्षा मंत्री ने गुरुवार को ‘रूसा सभागार में गुरुवार को ये बातें कही। उन्होंने ‘भारतीय इतिहास का बहुविषयक दृष्टिकोण ‘भारतीय इतिहास के आख्यानों का वैज्ञानिक सत्यापन विषयक कार्यशाला का उद्घाटन किया। रूसा के सहयोग से यह आयोजन आईएचएआर और आद्री ने किया था। अपने उद्घाटन भाषण में मंत्री ने कहा कि किशोरों को राज्य के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानकारी देना हमारा दायित्व है। ‘विश्वविद्यालय की अवधारणा विश्व में केवल बिहार में ही मौजूद थी तथा पूरे विश्व से विद्यार्थी यहां ज्ञानार्जन करने आते थे। राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में हुए काम की जानकारी रूसा के उपाध्यक्ष डॉ. कामेश्वर झा ने रखी।

आईएचएआर के निदेशक डॉ. राज वेदम ने कार्यशाला का विषय प्रवेश कराया। कहा कि हम युवाओं को उनकी पहचान की समझ देने में असफल रहे हैं, लेकिन तब भी उन्हें एकता की अंदरूनी समझ है। बहुत सारे प्राचीन खगोलीय खोज भारत में हुए परन्तु उन्हें जान बूझकर विश्व के दूसरे क्षेत्रों के नाम कर दिया जाता है। सुब्रतो गंगोपाध्याय ने कहा कि बिहार फिर कब विश्व गुरु का स्थान लेगा? उन्होंने आग्रह किया कि आइए हम सब सम्मिलित होकर इसे लक्ष्य बनाएं। आद्री के निदेशक प्रोफेसर प्रभात पी. घोष ने खेद जताते हुए कहा कि इतिहास के विषय में काफी ज्ञान का विस्तार हो रहा है मगर इसे स्कूलों के पाठ्यक्रम में नहीं शामिल किया जा रहा है।

इस कार्यशाला में सिंगापुर की प्रो. सहाना सिंह, उच्चशिक्षा निदेशक प्रो. खालिद मिर्जा, प्रो. शिवेश रंजन, पीयू रजिस्ट्रार रवीन्द्र कुमार, जनशिक्षा निदेशक विनोदानंद झा, प्रो. सीता सिन्हा, प्रो. अभ्यानंद सुमन आदि मौजूद रहे।

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